कौन थे दुलारचंद यादव, जिन्हें कहा जाता था ‘टाल का बादशाह’, लालू और अनंत से होते हुए प्रशांत तक कैसे पहुंचे?

मोकामा/पटना: बिहार की राजधानी पटना से करीब 100 किलोमीटर दूर मोकामा का टाल क्षेत्र खूनी रंजिश का गवाह बना। बिहार में चुनावी सरगर्मी के बीच दुलारचंद यादव की निर्मम हत्या कर दी गई। इस वारदात ने न सिर्फ इलाके की राजनीति को हिला दिया, बल्कि गैंगवार की आशंकाओं को भी बढ़ा दिया। घोसवारी इलाके में हुई इस वारदात ने मोकामा के राजनीतिक माहौल को पूरी तरह से गरमा दिया। दुलारचंद यादव को एक समय लालू यादव का करीबी माना जाता था। बाद में वो अनंत सिंह के भी करीबी रहे। हाल के दिनों में प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन में काफी ऐक्टिव थे। उनकी गिनती मोकामा-टाल क्षेत्र के उन गिने-चुने लोगों में होती थी, जिनकी लोकल पॉलिटिक्स में गहरी पकड़ थी

‘टाल के बादशाह’ माने जाते थे दुलारचंद

दुलारचंद यादव चुनावी प्रचार में JDU उम्मीदवार और चर्चित बाहुबली अनंत सिंह के मुखर आलोचक हो गए थे। वो सार्वजनिक रूप से उन पर तीखी बयानबाजी और टिप्पणियां कर रहे थे। बेखौफ स्टाइल और लोकल इनफ्लुएंस की वजह से दुलारचंद को ‘टाल का बादशाह’ भी कहा जाता था। उन्होंने जन सुराज के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के लिए एक गाना भी रिकॉर्ड करवाया था। माना जा रहा है कि मोकामा की चुनावी जंग अब व्यक्तिगत रंजिश और हिंसक टकराव की तरफ मुड़ गई है।

दुलारचंद यादव की हत्या कैसे हुई?

दुलारचंद यादव का राजनीतिक प्रभाव एक विवादित इतिहास से भी जुड़ा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 2019 में दुलारचंद को पटना ग्रामीण इलाके में ‘कुख्यात गैंगस्टर’ बताकर गिरफ्तार किया गया था। घोसवारी के टाल इलाके में दुलारचंद यादव जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के चुनाव प्रचार काफिले के साथ चल रहे थे। पीयूष प्रियदर्शी ने इस हत्याकांड के लिए सीधे तौर पर अनंत सिंह के समर्थकों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने दावा किया है कि हमलावरों ने दुलारचंद यादव को पहले लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटा और उसके बाद उन्हें गोली मार दी। ये दावा मोकामा की राजनीति में बाहुबलियों के बीच चल रहे टकराव को और अधिक गंभीर हिंसक मोड़ दे रहा है।

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