कांग्रेस, टीएमसी, झामुमो के शासन वाले राज्यों में क्यों नहीं कराया गया जातीय सर्वे : सुशील

पटना
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जो लोग पूरे देश में जातीय सर्वे कराने की बात कर रहे हैं, वे बतायें कि कांग्रेस, टीएमसी, झामुमो के शासन वाले राज्यों में जातीय सर्वे अब तक क्यों नहीं हुआ और क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जातीय सर्वे कराने के लिए ममता बनर्जी को राजी कर पाएंगे।

श्री मोदी ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव करीब देख कर जो कांग्रेस जातीय सर्वे कराने का वादा कर रही है, उसे बताना चाहिए कि यह काम पिछले चार साल में क्यों नहीं कराया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के शासन वाले राज्यों में जातीय सर्वे अब तक क्यों नहीं हुआ। क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जातीय सर्वे कराने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राजी कर पाएंगे।

भाजपा सांसद ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस की सिद्धरमैया सरकार ने वर्ष 2015 में 200 करोड़ रुपये खर्च कर जो जातीय सर्वे कराया था, उसकी रिपोर्ट जारी क्यों नहीं की गई। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के जातीय सर्वे की रिपोर्ट जारी कराने के लिए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से बात करनी चाहिए।

श्री मोदी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में एक साल से कांग्रेस सरकार है। वहां जातीय सर्वे कराने की घोषणा क्यों नहीं हुई। क्या कांग्रेस को चुनाव करीब आने पर ही जातीय सर्वे की याद आती है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने मंडल आयोग का विरोध किया था। विडम्बना यह कि आज श्री लालू प्रसाद यादव और श्री नीतीश कुमार की पार्टियां मंडल और पिछड़ा विरोधी कांग्रेस की पालकी ढो रही हैं।

भाजपा नेता ने कहा पिछड़े वर्ग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने मात्र नौ साल में जो काम किये, वे काम केंद्र और राज्यों में 50 साल राज करने वाली कांग्रेस नहीं कर पायी।

 

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