हल्द्वानी में 3 घंटे तक क्यों गुल रही बिजली? 17 हजार उपभोक्ता परेशान, छिपकली के कारनामे तो जानिए

देहरादून: उत्तराखंड के हल्द्वानी से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कठघरिया बिजलीघर में गुरुवार को एक छिपकली के पैनल में घुस जाने से तीन घंटे तक बिजली आपूर्ति ठप रही। इस कारण 17 हजार उपभोक्ताओं को सुबह परेशानी का सामना करना पड़ा।
क्षेत्र के ट्यूबवेल नहीं चलने से पेयजल सप्लाई भी शुरू नहीं हो सकी। ऊर्जा निगम के उपखंड अधिकारी बीबी जोशी ने बताया कि तकनीकी खराबी को दूर कर सप्लाई शुरू की गई। इसके अतिरिक्त, दिवाली की तैयारियों को लेकर गुरुवार को भी बिजली कटौती जारी रही। लाइन मेंटेनेंस के लिए टीपीनगर, कमलुवागाजा, कठघरिया और धौलाखेड़ा बिजलीघर से सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक आपूर्ति बंद रही। इससे उपभोक्ताओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
ये है मामला
छिपकली के बिजली के तारों के संपर्क में आने से पैनल में ब्लॉस्ट हुआ और तकनीकी खराबी आ गई। इस खराबी के कारण कठघरिया बिजलीघर से जुड़ी 17 हजार उपभोक्ताओं के घरों में सुबह बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। यह बिजली कटौती लगभग तीन घंटे तक चली, जिससे उपभोक्ताओं को काफी परेशानी हुई। इसका सीधा असर दैनिक जीवन पर पड़ा। घरों में बिजली न होने से लोगों को सुबह के कामकाज निपटाने में दिक्कतें आईं। इसके अलावा, क्षेत्र के ट्यूबवेल भी बिजली न होने के कारण बंद रहे, जिससे पेयजल सप्लाई भी प्रभावित हुई। लोगों को पीने के पानी के लिए भी संघर्ष करना पड़ा।
अधिकारियों ने दी जानकारी
ऊर्जा निगम के उपखंड अधिकारी बीबी जोशी ने बताया कि जैसे ही समस्या की जानकारी मिली, कार्मिकों ने तुरंत पैनल की मरम्मत का काम शुरू कर दिया। तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद तकनीकी खराबी को दूर किया गया और बिजली आपूर्ति सामान्य की गई।ऊर्जा निगम के ईई एसके गुप्ता ने इस कटौती के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उपभोक्ताओं को इस कटौती की पूर्व सूचना दी गई थी। उन्होंने बताया कि लाइन मेंटेनेंस का काम पूरा होते ही बिजली आपूर्ति पुनः शुरू कर दी गई थी। हालांकि, पूर्व सूचना के बावजूद, दिन के समय बिजली गुल रहने से लोगों को अपनी दिनचर्या प्रभावित करनी पड़ी।
त्योहारों के समय परेशानी
बता दें, त्योहारी सीजन में इस तरह की बिजली कटौती से उपभोक्ताओं को अतिरिक्त परेशानी का सामना करना पड़ता है। दिवाली जैसे प्रमुख त्योहारों की तैयारियों में बिजली का उपयोग काफी बढ़ जाता है, ऐसे में आपूर्ति में बाधा आने से लोगों की मुश्किलें और बढ़ जाती हैं।