पीआरसी, सीएलआर के पद मर्ज किए जाने के बाद वर्कशॉप:केरल, कर्नाटक, असम, आंध्रप्रदेश के रेवेन्यू सिस्टम पर प्रजेंटेशन और पैनल डिस्कसन होंगे

मोहन कैबिनेट द्वारा प्रमुख राजस्व आयुक्त (पीआरसी) और आयुक्त भू अभिलेख (सीएलआर) के पदों को मर्ज किए जाने के बाद अब वेब जीआईएस सॉल्यूशन पर आधारित कार्यशाला के जरिए केरल, कर्नाटक, असम और आंध्र प्रदेश के रेवेन्यू सिस्टम के नवाचार पर चर्चा होगी।

दो दिन तक चलने वाली इस कार्यशाला में शहरी संपत्ति के सर्वे और भू-स्थानिक (जियो स्पेशियल) डाटा प्रबंधन पर डिस्कसन होगा। इसमें एप के जरिए प्रॉपर्टी वैल्यूएशन, प्रॉपर्टी के एक से अधिक मालिकों की स्थिति और रिकॉर्ड अपडेट बनाए रखने की प्रायोगिक जानकारी दी जाएगी।

केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय का भूमि संसाधन विभाग और मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (एमपीएसईडीसी) द्वारा संयुक्त रूप से दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन 5 और 6 जून को भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईसर) भौरी भोपाल में किया जाएगा। कार्यशाला में देशभर के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, तकनीकी विशेषज्ञ और भू-प्रबंधन से जुड़े एक्सपर्ट भाग लेंगे।

नक्शा वेब-जीआईएस सॉल्यूशन पर आधारित कार्यशाला में इस प्लेटफॉर्म की क्षमताओं का शहरी संपत्ति सर्वेक्षण और भू-स्थानिक (जियो स्पेशियल) डाटा प्रबंधन में उपयोग को लेकर जानकारी दी जाएगी। कार्यशाला का उद्देश्य भूप्रबंधन औऱ प्रशासनिक प्रणाली को पारदर्शी और तकनीक सक्षम बनाना है।

ये अधिकारी रहेंगे मौजूद

कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में केन्द्रीय भूमि संसाधन विभाग के निदेशक श्याम कुमार, केन्द्रीय भूमि संसाधन संयुक्त सचिव कुणाल सत्यार्थी, एसीएस विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी विभाग संजय दुबे, प्रमुख सचिव राजस्व विभाग विवेक पोरवाल, एसीएस नगरीय विकास एवं आवास विभाग संजय शुक्ला और राजस्व सचिव एवं भू अभिलेख आयुक्त अनुभा श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहेंगे।

पहले दिन इस पर फोकस

  • कार्यशाला के पहले दिन ‘नक्शा’ प्लेटफॉर्म की विशेषताओं और इसके शहरी संपत्ति सर्वेक्षण में वास्तविक उपयोग के संदर्भ में टेक्नीकल प्रेजेंटेशन और लाइव डेमो दिये जायेंगे।
  • सर्वे ऑफ इंडिया और एमपीएसईडीसी के विशेषज्ञ ड्रोन आधारित इमेज एनालिसिस, फीचर एक्सट्रैक्शन और ग्राउंड लेवल सर्वे की विधियों पर प्रशिक्षण देंगे।
  • प्रतिभागियों को सांची के फील्ड विज़िट के दौरान मोबाइल-आधारित ‘नक्शा’ ऐप के माध्यम से रियल-टाइम सर्वेक्षण जैसे भूखंड मूल्यांकन, बहु-स्वामित्व संरचना और अभिलेख अपडेट बनाए रखनी की प्रायोगिक जानकारी दी जाएगी।

दूसरे दिन इस पर होगी चर्चा

  • कार्यशाला में दूसरे दिन पूर्व में कराए गए फील्ड सर्वे के परिणाम बताए जाएंगे।
  • टीमों द्वारा जुटाए गए डाटा का ‘नक्शा’ प्लेटफॉर्म पर एकीकरण, विभाजन-विलयन (स्प्लिट-मर्ज) की प्रक्रिया तथा अभिलेखों को अपडेट बनाए रखने की तकनीक पर चर्चा की जाएगी।
  • कार्यशाला के अंतिम सत्र में केरल, कर्नाटक, असम और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में शहरी सर्वेक्षण की श्रेष्ठ कार्य प्रणालियों को भी प्रस्तुत किया जाएगा।

पैनल डिस्कसन भी होगा

कार्यशाला के समापन सत्र में केन्द्रीय भूमि संसाधन विभाग के संयुक्त सचिव कुणाल सत्यार्थी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय पैनल चर्चा होगी। इसमें विभिन्न राज्यों की आवश्यकताओं एवं ‘नक्शा’ के देश भर में क्रियान्वयन की रणनीति पर विचार-विमर्श किया जाएगा। यह कार्यशाला देश में स्वदेशी डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से आधुनिक, पारदर्शी और कुशल शहरी भूअधिकार प्रबंधन एवं प्रशासन की दिशा में सहायक होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button