सस्ती शराब बेचने वाले गिरोह के सरगना को जेल भेजा:भोपाल में खाली बोतल बेचने वाले कबाड़ियों की तलाश

भोपाल में सस्ती शराब को ब्रांडेड बोतलों में भरकर बेचने वाले गिरोह के सरगना गजेंद्र गुर्जर समेत 4 आरोपियों को जेल भेज दिया है। वहीं, उन कबाड़ियों की तलाश की जा रही है, जो इन्हें खाली बोतलें बेचते थे। बैरागढ़ (संत हिरदाराम नगर) के एक बड़े कबाड़ी का नाम भी सामने आया है, लेकिन वह 6 दिन से गायब है। उसके घर में ताला लगा हुआ है। सोमवार को भी घर पर ताला मिला।

आबकारी विभाग ने 10 और 11 जुलाई को ब्रांडेड शराब की 120 बोतलें जब्त की थी, जिसमें सस्ती शराब भरी हुई थी। गिरोह कबाड़ से खाली बोतलें, स्टिकर और ढक्कन का जुगाड़ कर उनमें 400-500 रुपए की शराब भरकर बेच देता। इससे एक बोतल सीधे 5 से 9 हजार रुपए तक की कीमत की हो जाती।

आबकारी अमले ने चार आरोपियों को पकड़ा, इनमें एक एएसआई का बेटा है। मामले में पकड़े गए गजेंद्र सिंह गुर्जर, प्रशांत सिंह, आर्यन मीणा और रितिक चौधरी को जेल भेज दिया गया।

रेस्टोरेंट-बार भी शंका के घेरे में

आबकारी अफसरों ने बताया कि गिरोह ब्रांडेड बोतलों में सस्ती शराब भरकर बेचते थे। इतनी ज्यादा खाली बोतलें एक कबाड़ी के पास नहीं मिल सकती। इसलिए कुछ रेस्टोरेंट और बार भी शंका के घेरे में है, जहां महंगी शराब पीने के शौकीन आते हो। इनकी जानकारी भी निकाली जा रही है। बैरागढ़ के कबाड़ी के पकड़ में आने के बाद रेस्टोरेंट और बार की भूमिका भी साफ हो जाएगी।

यह था मामला

10 जुलाई को आबकारी पुलिस ने एमपी नगर स्थित चेतक ब्रिज के पास से रितिक चौधरी को पकड़ा। उसके पास सफेद रंग की एक्टिवा थी।

चेक करने पर एक्टिवा में ब्रांडेड अंग्रेजी शराब की 12 बोतल मिलीं। इनके स्टिकर और ढक्कन असली बोतलों से मैच नहीं कर रहे थे। एक बोतल की बाजार में कीमत करीब 20 हजार रुपए तक है।

जांच की गई तो बोतलों में सस्ती शराब निकली। इसके बाद पूरे गिरोह का खुलासा हुआ। इसके बाद विभाग ने एक्टिवा से अवैध शराब जब्त करने के बाद रितिक से सख्ती से पूछताछ की गई। उसने बताया कि प्रशांत साथियों के साथ डिलीवरी करने वाला है।

पुलिस ने प्रशांत को कॉल करके शराब की डिमांड की। इस पर प्रशांत ने डिलीवरी की लोकेशन और टाइम बताया। आरोपी आबकारी पुलिस के ट्रैप में फंस गए। आबकारी पुलिस न्यू सुभाष नगर विश्राम घाट रोड पर पहुंची। यहां काले रंग की कार रुकी।

पुलिस ने कार में सवार प्रशांत सिंह, गजेंद्र सिंह गुर्जर और आर्यन सिंह मीणा को पकड़ लिया। गाड़ी की डिग्गी चेक की, इसमें 4 बोरी और एक बैग में कुल 108 अंग्रेजी शराब की बोतल थीं।

इनमें ग्लेनलिविट 12 साल, इंद्री, गोल्ड लेबल, ग्लेनलिविट 15 साल, ग्लेनलिविट 1824 कैरेबियन रिजर्व और 8 पीएम हैं।

एक बोतल डिलीवर करने के मिलते थे 200-300 रु.

सहायक आबकारी आयुक्त दीपम रायचूरा ने बताया, मुख्य आरोपी गजेंद्र गुर्जर का दो साल पुराना रिकॉर्ड है। उसे पहले भी अवैध शराब के मामले में पकड़ा गया है। आर्यन सिंह मीणा कॉलेज स्टूडेंट है। रितिक भी स्टूडेंट है।

मुख्य आरोपी गजेंद्र, आर्यन-रितिक जैसे स्टूडेंट्स को रुपए का लालच देकर शराब की डिलीवरी करवाता था। एक बोतल डिलीवर करने का 200-300 रुपए देता था। ज्यादातर शराब स्टूडेंट्स को ही बेची जाती थी। आरोपियों को जेल भेज दिया है। वहीं, शराब की जांच के लिए सैंपल लैब भेजे हैं।

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