दिल्ली कोचिंग हादसे की मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट सामने आई:बेसमेंट का गलत इस्तेमाल किया गया
दिल्ली के कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से हुई 3 छात्रों की मौत के मामले में मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट सामने आई है। बुधवार (7 अगस्त) को राजस्व मंत्री को सौंपी गई रिपोर्ट में राउ IAS बेसमेंट के गलत ढंग से उपयोग के आरोप लगाए गए हैं। जांच में MCD और फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट की लापरवाही भी सामने आई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि कोचिंग सेंटर की बिल्डिंग में हो रहे नियमों के उल्लंघन के बारे में MCD और फायर बिग्रेड डिपार्टमेंट को पहले से जानकारी थी। इसके बाद भी विभागों की तरफ से कार्रवाई नहीं की गई।
पिछले साल अगस्त में दिल्ली के मुखर्जी नगर में एक कोचिंग सेंटर में आग लगी थी। इस के बाद राउ IAS की बिल्डिंग के बेसमेंट को गलत ठहराया गया था। हालांकि, इसके बाद भी MCD ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। इस साल 1 जुलाई को भी फायर बिग्रेड डिपार्टमेंट ने निरीक्षण किया था। इस रिपोर्ट में भी बेसमेंट में चल रही अवैध लाइब्रेरी की बात छिपाई गई।
रिपोर्ट में कहा गया कि कोचिंग सेंटर निचले स्थान पर होने के कारण जलभराव की संभावना पहले से ही थी। इसके बावजूद MCD ने बीते पांच सालों से नालों की सफाई नहीं की।
CBI ने कोचिंग मालिक के खिलाफ केस दर्ज किया
इससे पहले CBI ने दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर की राउ कोचिंग के मालिक अभिषेक गुप्ता के खिलाफ केस दर्ज किया था। CBI की टीम बुधवार (7 अगस्त) को कोचिंग सेंटर पहुंची थी और बेसमेंट की जांच की। दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद CBI ने पुलिस से 6 अगस्त को ये केस अपने में हाथ लिया था। CBI से पहले दिल्ली पुलिस ने अभिषेक के खिलाफ FIR दर्ज की थी।
कोचिंग हादसा 27 जुलाई की रात को हुआ था। जब छात्र कोचिंग की बेसमेंट की लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे थे, तभी तेजी से बारिश का पानी भर गया और तीन छात्र श्रेया यादव, नेविन डॉल्विन और तान्या सोनी की डूबने से मौत हो गई। इस मामले में अब तक 7 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में चल रही है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने CBI को सौंप दिया है मामला
दिल्ली हाईकोर्ट ने 2 अगस्त को इस मामले की जांच CBI को सौंपी है। आदेश दिया है कि जांच की निगरानी सेंट्रल विजिलेंस कमेटी के अधिकारी करेंगे। कोर्ट ने कहा था, ‘लोगों को जांच पर शक न हो, साथ ही सरकारी कर्मचारियों के भ्रष्टाचार में शामिल होने से जांच प्रभावित न हो, इसलिए यह फैसला लिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट बोला था- कोचिंग संस्थान डेथ चैम्बर बन चुके हैं
सुप्रीम कोर्ट में 5 अगस्त को सुनवाई हुई थी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्वल भुइयां की बेंच ने दिल्ली के कोचिंग सेंटर्स को डेथ चैम्बर बताया। बेंच ने कहा था- हम कोचिंग सेटर्स की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। कोचिंग सेंटर्स बच्चों की जिंदगी के साथ खेल रहे हैं। कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को नोटिस जारी कर पूछा कि कोचिंग सेंटर्स में क्या सेफ्टी के नियम लागू किए गए हैं?