नए साल में लगेंगे लाइटनिंग डिटेक्टर और पायरेनोमीटर:सूर्य की तीव्रता और बिजली गिरने का होगा सटीक आकलन

नए साल में हमारे भोपाल के मौसम का फोरकास्ट और ज्यादा अपग्रेड हो जाएगा। तापमान, नमी, हवा की रफ्तार, बारिश के पूर्वानुमान के अलावा अब बिजली चमकने व गिरने और सूरज की तीव्रता कितनी रहेगी, यह बताने वाले भी दो नए उपकरण लगेंगे। यह दोनों उपकरण अरेरा हिल्स स्थित मौसम केंद्र में स्थापित किए जाएंगे। मौसम केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर वेद प्रकाश सिंह के मुताबिक गर्मी के मौसम और मानसून सीजन के पूर्वानुमान से जुड़े यह दोनों उपकरण रियल टाइम डाटा भी उपलब्ध कराएंगे। दरअसल धूप की तीव्रता नापने का एक उपकरण सनशाइन रिकॉर्डर पहले से ही मौसम केंद्र में उपलब्ध है।

पायरेनोमीटर में इससे ज्यादा फीचर्स होंगे। तेज धूप निकलने के बाद होने बाला सोलर रेडिएशन तीन तरह का होता है। अब सूर्य से कितनी ऊर्जा निकल रही है, सूरज की किरणें जमीन पर कितनी तेज पड़ रही हैं और उनकी रफ्तार कितनी बढ़ सकती है, पायरेनोमीटर के जरिए यह भी मालूम हो सकेगा। लाइटनिंग डिटेक्टर के फीचर्स समझने से पहले यह समझना होगा कि आसमानी बिजली दो तरह की होती है।

पहली बादलों से बादलों तक पहुंचने वाली और दूसरी बादल से धरती पर गिरने वाली। बादल से धरती पर कितनी बार बिजली गिरी, कितनी बार चमकी, इसकी रफ्तार कितनी तेज है, यह डिटेक्टर लगने के बाद यह ऑब्जर्वेशन रियल टाइम मोड पर किया जा सकेगा। अभी एक मोबाइल एप है, जिससे सिर्फ यह मालूम होता है कि कितनी बार बिजली चमकी। लाइटनिंग डिटेक्टर से इसकी 100% एक्यूरेसी बढ़ेगी। इसके बाद इसका अगला स्टेप पूर्वानुमान बताना होगा। यह काम तब हो सकेगा जब इसके लिए स्टडी करने के बाद नए मॉडल बनाए जाएंगे। यह भी मॉडल आधारित फोरकास्ट होगा।

सिर्फ 5 साल में 851 लोगों की मौत बिजली गिरने से हुई

एनुअल लाइटनिंग रिपोर्ट के मुताबिक 2021-22 में मध्य प्रदेश में 1 साल में 6 लाख 55 हजार 788 बार बिजली गिरी। अब यह आंकड़ा बढ़कर 7 लाख 68 हजार 913 पर पहुंच गया। इन घटनाओं में पिछले 5 साल में 13.85% की रफ्तार से बढ़ोतरी हुई। 2020 में 116, 2021 में 168, 2022 में 199, 2023 में 179 और 2024 में अब तक 189 लोगों की बिजली गिरने से अकाल मौत हुई। इस साल मानसून सीजन में सिर्फ भोपाल शहर में ही बिजली गिरने की पांच घटनाएं हुई। इनमे 6 लोग झुलसे थे और दो की मृत्यु हुई थी।

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