दिवाली के लिए खरीदने जा रहे हैं लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, इन बातों का रखें ध्यान

दीपावली पर पूजन में माता मां लक्ष्मी एवं भगवान गणेशजी की हर साल नई प्रतिमा या मूर्ति रखी जाती है. ऐसे में दिवाली पूजा के लिए मार्केट में मिलने वाली अलग – अलग प्रतिमाओं में से हमे कैसी प्रतिमा लेनी है जानिए यह सवाल सबके मन में होता है. हिंदू धर्म में दिवाली को सुख-समृद्धि और धन वैभव प्रदान करने वाला त्योहार माना गया है. इस साल यह पर्व देशभर में 12 नवंबर को मनाया जाएगा.

दिवाली के दिन भगवान गणपति जी एवं ऐश्वर्य की देवी माता मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है. दिवाली पूजन में माता लक्ष्मी एवं भगवान गणेशजी की हर साल नई प्रतिमा या मूर्ति रखी जाती हैं. ऐसे दिवाली पूजा के लिए मार्केट में मिलने वाली किसी भी तरह की लक्ष्मी गणेश जी की प्रतिमा लेने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना होगा.

लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति ऐसी खरीदें
दिवाली के लिए लक्ष्मी-गणेशजी की प्रतिमाएं हमेशा धनतेरस के दिन ही खरीद लेनी चाहिए. धनतेरस का दिन लक्ष्मी गणेशजी को घर में लाने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है. बाजार में अक्सर एक साथ जुड़ी हुई लक्ष्मी-गणेशजी की प्रतिमाएं भी मिलती हैं. दिवाली पर इस बात का खास ख्याल रखें कि कभी भी संयुक्त लक्ष्मी-गणेशजी की मूर्ति न खरीदें बल्कि मां लक्ष्मी और भगवान गणेशजी की अलग- अलग प्रतिमाएं ही खरीदें.

बैठी हुई मुद्रा की में हो मूर्ति
 दिवाली की पूजा के लिए हमेशा बैठे हुए गणेश जी और माता लक्ष्मी पसंद करें. खड़े हुए गणेश जी की मूर्ति शुभ नहीं मानी जाती है. वहीं गणेश जी की सूंड दाएं तरफ मुड़ी हुई होना चाहिये. बाईं तरफ मूड़ी हुई सूंड व्यापारियों के लिए अच्छी मानी गई है. जबकि लक्ष्मी जी की खड़ी मुद्रा की मूर्ति को उग्र स्वभाव का माना गया है. इसलिए दिवाली पर बैठी हुई मुद्रा की मूर्ति की पूजा करें शुभ होगा. भगवान गणेशजी के हाथ में मोदक लिए हुए मूर्ति को ही दिवाली पूजा में आप को शामिल करना चाहिए. इसके अलावा गणेश जी के साथ उनका वाहन चूहा भी जरूर बना हो इस बात का ध्यान रहे.

धन की देवी माता लक्ष्मी
 लक्ष्मी की मूर्ति खरीदते समय ध्यान देना होगा कि लक्ष्मी जी के हाथ से धन वर्षा हो रही है या नहीं उसे देखकर ही खरीदें. हाथ से सिक्के या धन गिरने वाली मूर्ति को धन लक्ष्मी कहा गया है. दिवाली पूजन में उल्लू की जगह हाथी या कमल पर विराजमान मां लक्ष्मी की मूर्ति को शामिल करना चाहिए. इस बात का आप को विशेष ध्यान रखना होगा कि दीवाली पर मिट्टी से बनी मूर्ति का पूजन सबसे शुभ माना गया है. इसके अलावा आप दिवाली पर अष्टधातु, पीतल या चांदी की मूर्ति का भी पूजन कर सकते हैं. दिवाली पूजन में खंडित या टूटी हुई मूर्ति को शामिल नहीं करना चाहिए. अगर हो सके तो मिट्टी की मूर्ति की ही पूजा करें.

 

लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति रखने का सही तरीका

मूर्ति रखना वक्त इस बात का ध्यान रखें कि जहां भी लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति हो उस जगह को साफ रखें.
  • लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति स्थापित करने से पहले उसके नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं.
  • गणेश जी की मूर्ति को महालक्ष्मी की मूर्ति के बाएं तरफ विराजित करें.
  • ऐसा माना गया है कि बायां स्थान पत्नी का होता है, कभी भी स्थापित करते वक्त इस बात का ध्यान विशेष रुप से रखें.
  • महालक्ष्मी सदा गणपति के दाहिनी ओर ही रहें.
  • आपके घर के कागज, पास बुक, पैसे से जुड़ी चीजों को लक्ष्मी गणेश की मूर्ति या श्री यंत्र के पास रखें.
  • लक्ष्मी गणेश जी की मूर्ति शुभता की सूचक है.
  • इस बात का ख्याल आप केवल घर में ही नहीं बल्कि 
  • ऑफिस, दुकान आदि अपने वर्कस्पेस पर भी रख सकते हैं.

अगर आप इन छोटी सी बातों का पालन करते हैं तो कुछ ही समय में आपको अपने जीवन में फर्क महसूस होने लग जाएगा. धन संबंधित जो बाधाएं आ रही है , या दोष जो मौजूद होंगे वो समाप्त हो जाएंगे.

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