पदवृद्धि की मांग को लेकर सड़क पर उतरे प्रतीक्षा सूची में शामिल शिक्षक, डीपीआइ के सामने किया प्रदर्शन

 भोपाल। उच्च माध्यमिक शिक्षक (वर्ग-1) पात्रता परीक्षा 2023 की परीक्षा के प्रतीक्षा सूची में शामिल चयनित अभ्यर्थियों ने शिक्षकों की भर्ती में पदवृद्धि की मांग को लेकर गुरुवार को राजधानी की सड़क पर प्रदर्शन किया। चयनित शिक्षकों की मांग है कि सरकारी स्कूलों में वर्ग-1 के जो पद खाली हैं, उनके विरुद्ध भर्तियां की जाए। उन्होंने उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2023 में पदवृद्धि की मांग की, जिससे सरकारी स्कूलों में बच्चों को उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिल सके।

निकाला पैदल मार्च

प्रदेशभर से 700 से अधिक चयनित शिक्षक रानी कमलापति स्टेशन से रैली के रूप में नारेबाजी करते हुए बोर्ड आफिस चौराहे पर पहुंचे। इसके बाद संयुक्त मोर्चा (वेटिंग शिक्षक) के नेतृत्व में सुबह 10:30 बजे से दोपहर दो बजे के बीच भाजपा कार्यालय से लेकर लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआइ) तक पैदल मार्च निकाला। डीपीआइ पहुंचकर धरना-प्रदर्शन किया। यहां काफी संख्या में पुलिस बल मौजूद थे। इस दौरान उमस और गर्मी के कारण दो महिला अभ्यर्थी बेहोश होकर गिर गईं। आघा घंटा नारेबाजी करने के बाद पुलिस वालों ने चयनित शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। बताया गया कि सभी अनिश्चितकालीन प्रदर्शन करने के लिए राजधानी में जुटे थे, लेकिन 3:30 घंटे में ही यह आंदोलन खत्म हो गया। प्रदर्शन में शामिल महिला उम्मीदवार अपने साथ छोटे बच्चों को लेकर भी आई थीं।

अभी अनारक्षित श्रेणी में 102 लोगों को ही मिलेगा मौका

उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2023 में 8720 पदों पर भर्ती होना है। इनमें 3668 बैकलाग के पद हैं। आरक्षित सीट हटाने के बाद अनारक्षित श्रेणी के 102 पद ही बचते हैं। इसमें शिक्षकों की भर्ती विषयवार होना है। ऐसे में 102 पदों पर जब 16 विषयों में बांटा जाएगा तो अनारक्षित श्रेणी के छह से सात युवाओं को ही नौकरी मिल पाएगी।

 

34 हजार से अधिक पद खाली, नहीं हो रही नियुक्ति

चयनित शिक्षकों का कहना था कि सरकार ने 30 जुलाई 2018 के राजपत्र में स्वीकार किया है कि वर्ग-1 के 34,789 पद खाली हैं, लेकिन इतने पदों पर भर्ती नहीं की जा रही है। इनकी जगह पर 30 हजार से अधिक अतिथि शिक्षक सरकारी स्कूलों में अध्यापन कार्य कर रहे हैं। इनकी जगह नियमित शिक्षकों की भर्ती की जानी चाहिए। सयुंक्त मोर्चा के नीरज द्विवेदी ने बताया कि हम लोग पात्रता परीक्षा पास कर चुके हैं, फिर भी हमें वेटिंग में रखा गया है, जबकि हजारों पद खाली हैं। ऐसे में अतिथि शिक्षकों की जगह नियमित शिक्षकों को मौका मिलना चाहिए।

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