बड़ा बदलाव:सड़कों का ब्लू प्रिंट तैयार, एजेंसी की जिम्मेदारी तय होगी, ये तेरी सड़क ये मेरी… का झगड़ा होगा खत्म

खराब सड़कों की मॉनिटरिंग करेगा नोडल अधिकारी

खराब सड़कों की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने और सड़कों को लेकर होने वाली तू-तू, मैं-मैं से निपटने के लिए पहली बार सड़कों का ब्लू प्रिंट तैयार किया गया है। पीडब्ल्यूडी ने माना है कि शहर के अधिकांश मेनरोड उसके हैं, जबकि रेत घाट समेत तीन से चार मेनरोड को छोड़कर सभी भीतरी सड़कें नगर निगम की हैं। इससे खराब सड़कों की मेरी-तेरी की लड़ाई खत्म हो जाएगी। ब्लू प्रिंट बनने के बाद अब हर महीने सड़कों लेकर विशेष बैठक होगी। सभी निर्माण एजेंसियों को फुल रिपोर्ट देना होगी। इसमें जिम्मेदारी तय होगी कि जिसकी भी रोड खराब होगी, उसे फौरन ठीक करना होगा। इसका एक मैप पीडब्ल्यूडी और नगर निगम ने कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को सौंप दिया है।

क्यों आई नौबत… गलत जानकारी दे रहीं थी निर्माण एजेंसियां

राजधानी में सड़कों की खस्ता हालत को लेकर मुख्यमंत्री ने सभी एजेंसियों से रिपोर्ट मांगी थी। पहले 3800 किलोमीटर की सड़क बताने वाले नगर निगम ने बताया कि सिर्फ 2200 किलोमीटर की सड़कें हैं। पीडब्ल्यूडी ने बताया कि उनकी सिर्फ 500 किलोमीटर की सड़क हैं। इसके बाद संभागायुक्त के सामने भी पीडब्ल्यूडी कोई जानकारी नहीं दे पाया था। संभागायुक्त ने तो इसको लेकर दो बार बैठक ली थी। जिम्मेदार एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे थे। संभागायुक्त ने पीडब्ल्यूडी अफसरों को फटकार लगाई। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने पीडब्ल्यूडी, बीडीए नगर निगम और हाउसिंग बोर्ड समेत एजेंसियों को इसका ब्लू प्रिंट बनाने के निर्देश दिए। मकसद था कि बार-बार होने वाली झंझट को खत्म किया जा सके। हालांकि इसे बनाने में सभी एजेंसियों को डेढ़ महीने का समय लग गया। करीब 5 साल पहले नगर निगम और पीडब्ल्यूडी ने मिलकर सड़कों का एक ब्लू प्रिंट बनाने का प्रयास किया था। यह पहली बार है, जब सभी एजेंसियों की रोड का मैप तैयार किया गया है।

प्रभारी मंत्री को बताया था कि एक भी सड़क खराब नहीं-

सितंबर में प्रभारी मंत्री ने खराब सड़कों को लेकर बैठक की थी। इसमें पीडब्ल्यूडी ने बताया कि उसकी सड़कों में सिर्फ कुछ सड़कें की सामान्य हैं। एक भी सड़क खराब नहीं है। करीब 176 किमी में से करीब 7 किलोमीटर सड़क पर पैचवर्क किया गया है। इसमें करीब 2.77 किमी गारंटी पीरियड की सड़कें हैं और करीब 4.55 किमी बिना गारंटी पीरियड की सड़कों पर पैचवर्क हुआ है।

  • मॉनिटरिंग आसान, खराब रोड जल्द दुरुस्त हो सकेगी

सीधी बात- कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर

रोड का ब्लू प्रिंट क्यों बनवाना पड़ा?

शहर की सभी सड़कों को लेकर एजेंसियों के बीच किसी तरह का विवाद न हो इसके लिए एक साथ मैप पर इसे बनवाया गया है।

इसका क्या फायदा होगा?

-सड़क के खराब होने पर संबंधित एजेंसी को तत्काल निर्देश दिए जा सकेंगे। इससे सड़क को जल्द से जल्द ठीक करने में आसानी होगी।

व्यवस्था को कैसे चलाया जाएगा?

-कलेक्टर ऑफिस से एक नोडल अधिकारी बनाया जाएगा। वह एजेंसी से कोऑर्डिनेट करेगा। हर महीने इसकी बैठक होगी। इसमें खराब सड़कों की पूरी रिपोर्ट ली जाएगी।

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