भोपाल में मेट्रो की राह में रुकावट बन रहीं 18 दुकानें हटाईं, अब आरा मशीनों की होगी शिफ्टिंग
भोपाल। शहर में मेट्रो परियोजना का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में सुभाष नगर से करोंद तक के काम में आने वाली रुकावटों को हटाने का सिलसिला जारी है। बोगदा पुल के आजाद नगर में दो महीने पहले कच्चे निर्माणों को हटाया गया था, जबकि डेढ़ दर्जन पक्की दुकानों को हटाने के लिए दुकानदारों ने 10 दिन का समय मांगा था। विगत सोमवार को यह मोहलत भी पूरी हो गई।इसके बाद मंगलवार को जिला प्रशासन और पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर मेट्रो की राह में रुकावट बन रही पक्की दुकानों को जेसीबी की मदद से ढहा दिया। अब यहां से सिविल कार्य शुरु कर दिया जाएगा। इसके बाद भारत टाकीज स्थित आरा मशीनों को हटाया जाना है।
8.77 किलोमीटर लंबी बिछेगी लाइन
मेट्रो का दूसरा चरण सुभाष नगर डिपो से करोंद तक कुल 8.77 किलोमीटर है। यह काम भी दो हिस्से में होगा। दोनों पर 1540 करोड़ रुपए खर्च होंगे। मिट्टी की टेस्टिंग, डिजाइन समेत अन्य काम हो चुके हैं। अब बाधाओं को हटाने पर फोकस है। जिससे सिविल के काम जल्दी शुरू हो सके।
शहर एसडीएम दीपक पांडे ने बताया कि जिन दुकानदारों से शाम तक सामान हटाने की बात कहीं, उन्हें राहत दी गई। सामान हटाते ही दुकानें तोड़ दी गई।
जल्द होगी आरा मशीनों की शिफ्टिंग
बरखेड़ी फाटक से भारत टाकीज तक मेट्रो के रूट पर 108 आरा मशीनें हैं। करीब 48 साल में इन मशीनों की शिफ्टिंग पर 50 से ज्यादा बार चर्चाएं हो चुकी हैं। आठ लोकेशन भी देखी जा चुकी हैं। लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार छोटा रातीबड़ में 18 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी। जहां साढ़े पांच करोड़ रुपये से सड़क, बिजली और पानी की सुविधाएं दी जाएंगी, लेकिन अब तक सिर्फ टेंडर की प्रोसेस ही हुई है।
अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग यहां बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराएगा, जिसके बाद अंडरग्राउंड लाइन के लिए मशीनें जा सकेंगी।