नई स्पेस टेक नीति तैयार करने पर सीएम का जोर:रिव्यू मीटिंग में दिए UPS तैयार करने के निर्देश, ड्रोन की मदद से करें लॉ एंड ऑर्डर कंट्रोल

प्रदेश में विभिन्न विभागों की सेवाओं का लाभ आमजन को आसानी से दिलाने के लिए यूनिफाइड पोर्टल सिस्टम (UPS) तैयार किया जाए। इससे आमजन को सभी विभागों की सेवाएं एक ही जगह पर मिल सकेंगी। यूनिफाइड पोर्टल में सभी विभागों की 1700 सेवाओं को जोड़कर लॉन्च किया जाए। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभागों की जानकारी लोगों को आसानी से मिल सके, इसके लिए जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन हो। इसके साथ ही लॉ एंड ऑर्डर को कंट्रोल करने में भी ड्रोन नीति का इस्तेमाल किया जाए।
सीएम डॉ यादव ने ये बातें शुक्रवार को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की समीक्षा बैठक में कही। उन्होंने कहा कि जनता को विभिन्न कार्यक्रमों और अभियानों की जानकारी देने के उद्देश्य से होर्डिंग्स लगाए जाएं।
डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन में सिंहस्थ-2028 में तकनीकी कार्यों एवं व्यवस्थाओं के प्रभावी संचालन में नई तकनीक की मदद ली जाए। इसके लिए एमपी-एसईडीसी सॉफ्टवेयर और एप तैयार करें और नगरीय विकास एवं आवास विभाग को भी निर्देशित किया जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने नई ड्रोन नीति तैयार कर इसे लागू किया है। प्रदेश में कानून और व्यवस्था नियंत्रण के लिए ड्रोन का उपयोग बढ़ाने के लिए कार्य योजना बनाई जाए। इसके साथ ही शहरी यातायात प्रबंधन के लिए भी ड्रोन का उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
21 जून को उज्जैन के डोंगला में होगी राष्ट्रीय कार्यशाला
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मुख्य आतिथ्य में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर उज्जैन में ‘खगोल विज्ञान एवं भारतीय ज्ञान परंपरा’ विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन होगा। मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद एवं अन्य सहयोगियों की ओर से यह कार्यशाला डोंगला स्थित वराह मिहिर खगोलीय वेधशाला में आयोजित की जाएगी। इस अवसर पर योग शिविर, शून्य छाया अवलोकन, साइंस शो, स्टेम वर्कशॉप, व्याख्यान एवं परिचर्चा जैसी गतिविधियां होंगी।
ड्रोन से निगरानी तंत्र को मजबूत कर डेटा संग्रहण क्षमता बढ़ाएं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में कानून और व्यवस्था नियंत्रण के लिए ड्रोन के उपयोग की व्यापक कार्य योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि शहरी यातायात प्रबंधन के लिए भी ड्रोन का उपयोग सुनिश्चित किया जाए। साथ ही ड्रोन के माध्यम से निगरानी तंत्र को मजबूत करते हुए डेटा संग्रहण क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता है।
प्रदेश सरकार ने नवीन ड्रोन नीति तैयार कर इसे लागू किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को जानकारी दी गई कि वर्तमान व्यवस्था के अनुसार राजस्व, नगरीय विकास एवं आवास, रेरा, लोक निर्माण, जल संसाधन सहित विभिन्न विभागों की परियोजनाओं में सर्वेक्षण एवं निगरानी कार्य के लिए ड्रोन की सहायता ली जा रही है।
बढ़ाएं आईटी पार्कों की संख्या
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के प्रमुख शहरों इंदौर, भोपाल, जबलपुर एवं ग्वालियर में एमपी-एसईडीसी द्वारा आईटी पार्क विकसित किए गए हैं। राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश के अनुकूल वातावरण एवं निवेश की बढ़ती संभावनाओं के दृष्टिगत आईटी पार्कों की संख्या बढ़ाई जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इंदौर सहित सभी आईटी पार्कों को पीपीपी मॉडल पर विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न इंजीनियरिंग महाविद्यालयों का आईआईटी के अनुरूप क्षमतावर्धन करने के निर्देश दिए।
साइबर अटैक रोकने के लिए करें प्रभावी कार्यवाही
- साइबर अटैक की घटनाएं रोकने एवं उनके प्रभावी निष्पादन के लिए मध्यप्रदेश कंप्यूटर इमरजेंसी टीम का गठन किया जाए।
- सभी शासकीय विभागों में मुख्य सुरक्षा अधिकारी तैनात किए जाएं।
- विभागों के सभी आईटी प्रोजेक्ट, वेबसाइट, ऐप्स का सिक्योरिटी ऑडिट किया जाए।
- सिस्टम के सुरक्षा मानक, डेटा प्रबंधन और प्रोजेक्ट्स की कार्यक्षमता का मूल्यांकन हो।
- इससे समय रहते किसी भी संभावित जोखिम की पहचान एवं बचाव के उपाय किए जा सकें।
- इस वर्ष अभी तक विशेषज्ञों की टीम ने 134 नेटवर्क अटैक को रोकने में सफलता प्राप्त की है।
- ऑपरेशन सिंदूर के समय संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त 72 आईपी की पहचान कर उन्हें ब्लॉक करने की कार्रवाई की गई।
ड्रोन द्वारा सर्वेक्षण एवं निगरानी का जोनल प्लान बनेगा
- मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि ड्रोन द्वारा सर्वेक्षण एवं निगरानी के लिए जोनल प्लान बनाकर योजनाबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
- साइबर सुरक्षा के लिए गृह विभाग के साइबर एक्सपर्ट्स से भी इनपुट लिए जाएं।
- सिंहस्थ 2028 के टेक्निकल सपोर्ट का प्लान नगरीय आवास एवं सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग मिलकर तैयार करें।
- प्रयागराज महाकुंभ 2025 के प्लान का अध्ययन भी करें।
- राज्य की स्पेस टेक नीति तैयार करने के लिए अन्य राज्यों की नीतियों का भी अध्ययन करें।
- राज्य में स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी मद्रास के मॉडल का अनुसरण किया जा सकता है।