दिवाली से पहले इकॉनमी के मोर्चे पर गुड न्यूज, नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बढ़ा

नई दिल्ली: कॉरपोरेट कर संग्रह में वृद्धि और रिफंड में कमी के कारण चालू वित्त वर्ष में 12 अक्टूबर तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 6.33 प्रतिशत बढ़कर 11.89 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। इस साल एक अप्रैल से 12 अक्टूबर के बीच जारी किया गया रिफंड 16 प्रतिशत घटकर 2.03 लाख करोड़ रुपये रह गया। एक अप्रैल से 12 अक्टूबर के बीच शुद्ध कॉरपोरेट कर संग्रह लगभग 5.02 लाख करोड़ रुपये रहा, जो 2024 की इसी अवधि में 4.92 लाख करोड़ रुपये था।
समीक्षाधीन अवधि में गैर-कॉरपोरेट कर लगभग 6.56 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 5.94 लाख करोड़ रुपये था। प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) संग्रह 30,878 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले की इसी अवधि में 30,630 करोड़ रुपये था। शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह, जिसमें व्यक्तिगत आयकर और कॉरपोरेट कर शामिल हैं, चालू वित्त वर्ष में 12 अक्टूबर तक सालाना आधार पर 6.33 प्रतिशत बढ़कर 11.89 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। एक साल पहले इसी अवधि में यह लगभग 11.18 लाख करोड़ रुपये था।
कितना है लक्ष्य?
चालू वित्त वर्ष में 12 अक्टूबर तक रिफंड समायोजित करने से पहले सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 13.92 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। यह सालाना आधार पर 2.36 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष (2025-26) में प्रत्यक्ष कर संग्रह के रूप में 25.20 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य तय किया है, जो सालाना आधार पर 12.7 प्रतिशत अधिक है।