सरलता, निश्चलता, क्षमता और योग्यता के बल पर संपूर्ण भारत में बिहारवासीयों ने बनाई अपनी पहचान : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूर्वांचल और पूर्वोत्तर के अद्भुत छठ महापर्व की प्रदेशवासियों को मंगलकामनाएं और बधाइयां देते हुए कहा कि छठ मैया का महापर्व वैज्ञानिक पद्धति आधारित होकर सूर्य और जल की उपासना का पर्व है। भगवान सूर्यनारायरण सम्पूर्ण सृष्टि को ऊर्जा देकर सृष्टि का संचालन करते है, वही जल से ही जीवन की उत्पत्ति हुई है। छट व्रत हमें आत्म नियंत्रण, संयम और आत्मबल प्रदान करता है। अस्त और उदय होते हुए सूर्य का पूजन करने वाले इस पर्व की बात ही निराली है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय स्थित विक्रम सरोवर पर मंगलवार को आयोजित छठ पूजन में शामिल होने के बाद श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा की बिहार भारत की दिशा तय करता है। बिहार पर परमात्मा का विशेष आशीर्वाद है। बिहार बुद्ध और महावीर की भूमि भी है, जिन्होंने अपने ज्ञान से देश ही नहीं संपूर्ण दुनिया को दिशा प्रदान है। सबसे ज्यादा आईएएस, आईपीएस किसी राज्य से निकलते हैं तो वह बिहार है। सरलता, निश्चलता, क्षमता और योग्यता के बल पर संपूर्ण भारत में बिहारवासी अपनी पहचान बनाते है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा की मध्यप्रदेश से बिहार का संबंध आदिकाल से रहा है। मध्यप्रदेश को नदियों का मायका कहा गया है। शिप्रा मैया का जल बिहार तक चंबल मैया, यमुना मैया और गंगा मैया के माध्यम से पहुंचता है। अमरकंटक से निकली सोन नदी गंगा मैया के माध्यम से बिहार पहुंचकर वहां समृद्धि फैलाती है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा की माताओं और बहनों द्वारा देश , प्रदेश और परिवार की समृद्धि के लिए छठी मैया का व्रत रखा जाता है। माताओं और बहनों का त्याग कुटुंब और परिवार की एकता को कायम रखता है। हमारी संस्कृति मातृ शक्ति आधारित संस्कृति है, हमारे देश को "भारत माता" माना गया है। माताएं और बहनें अपने परिवार में सभी कष्ट सहकर भी पूरे परिवार की सेवा कर मंगल की कामना करती है। माताएं और बहने सबसे बड़ी योद्धा होती है।





