पहाड़ों में बर्फबारी…राजगढ़ में पारा 9° तक पहुंचा:इंदौर में नवंबर की सर्दी का 10 साल का रिकॉर्ड टूटा; भोपाल में 11 डिग्री रहा टेम्पेरेचर

पहाड़ी राज्यों में हो रही बर्फबारी का असर अब मध्य प्रदेश में भी दिखने लगा है। गुरुवार रात प्रदेश के लगभग सभी शहरों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई। सबसे ठंडा शहर राजगढ़ रहा, जहां एक ही रात में 2 डिग्री की गिरावट के बाद पारा 9 डिग्री सेल्सियस पर आ गया।
मौसम विभाग के अनुसार, सिर्फ दो दिन में ही प्रदेश में रात का तापमान 10 डिग्री से नीचे चला गया है। गुरुवार रात इंदौर में 10 साल में नवंबर में पहली बार इतनी तेज ठंड पड़ी कि पारा 10.3 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया, जो साल 2015 से 2024 के बीच का सबसे कम तापमान है। मौसम विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, 2017, 2020 और 2022 में पारा 11 डिग्री के आसपास जरूर पहुंचा था, लेकिन इतना नीचे नहीं गया।
भोपाल, ग्वालियर में भी पारा लुढ़का
भोपाल में भी मौसम ने ठंडे तेवर दिखाए। राजधानी में पारा 2 डिग्री तक नीचे गिर गया। रात में तापमान 11 डिग्री दर्ज किया गया। 10 साल में यह स्थिति केवल 5 बार ही देखने को मिली है। ग्वालियर में रात का तापमान 11.3 डिग्री, जबलपुर में 14.6 डिग्री और उज्जैन में 13 डिग्री रहा।
मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार रात प्रदेश के सभी शहरों में पारे में गिरावट दर्ज की गई। दतिया में तापमान 11.1 डिग्री, गुना में 12.2 डिग्री, धार में 12.4 डिग्री, रीवा में 12.5 डिग्री, श्योपुर-नौगांव में 13 डिग्री, बैतूल में 13.2 डिग्री, उमरिया में 13.8 डिग्री, टीकमगढ़ में 14 डिग्री, सागर में 14.2 डिग्री, रतलाम में 14.5 डिग्री, सतना में 14.9 डिग्री और छिंदवाड़ा-दमोह में 15 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा। इस गिरावट से प्रदेश में ठंड का असर महसूस किया जा रहा है।
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया, आने वाले पांच दिन तक प्रदेश में कहीं भी बारिश का अलर्ट नहीं है। उत्तरी हवाएं आने से ठंड का असर बढ़ेगा। रात के तापमान में गिरावट बनी रहेगी।
रात के साथ दिन में भी ठंडक, पारा लुढ़का रात के अलावा दिन में भी ठंडक घुलने लगी है। गुरुवार को भोपाल में तापमान 28.4 डिग्री, इंदौर में 28.3 डिग्री, ग्वालियर में 28.6 डिग्री, उज्जैन में 29.5 डिग्री और जबलपुर में 30.7 डिग्री सेल्सियस रहा। दमोह, खजुराहो, मंडला, रीवा, सागर, सतना, उमरिया, नर्मदापुरम, खंडवा, खरगोन को छोड़ दें तो बाकी शहरों में पारा 30 डिग्री से कम ही दर्ज किया गया।
इसलिए बढ़ा ठंड का असर बता दें कि हिमालय के तीन राज्य जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल में बर्फबारी शुरू हो गई है। जम्मू-कश्मीर के बारामूला में गुलमर्ग व्हाइट वंडरलैंड में बदल गया है। उत्तराखंड में बद्रीनाथ-केदारनाथ धाम भी बर्फ से ढंक गए हैं।
हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों लाहौल और स्पीति और किन्नौर, कुल्लू में ताजा बर्फबारी हुई। इन पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी का असर मैदानी राज्यों में नजर आने लगा है। मध्य प्रदेश में पारे में 6.1° तक की गिरावट दर्ज की गई है। उत्तर से लगातार हवा आने से पारे में और भी गिरावट हो सकती है। मौसम विभाग का मानना है कि नवंबर में पहले ही दौर में तेज ठंड शुरू हो गई है, जो अब लगातार रहेगी।
उत्तरी हिस्से में दो सिस्टम एक्टिव मौसम विभाग के अनुसार, उत्तरी हिस्से में एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव है। इनका असर तो प्रदेश में देखने को नहीं मिलेगा, लेकिन चक्रवात जब वेस्टर्न डिस्टरबेंस में समाहित हो जाएगा तो ठंड का असर भी तेज होगा।
बता दें कि इस बार अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में बने मौसमी सिस्टम के कारण बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों तरफ से नमी आई। जिससे बादल छाए रहे। इस वजह से दिन का तापमान नहीं बढ़ सका। आने वाले दिनों में अधिकतम तापमान में भी गिरावट देखने को मिल सकती है।
कोहरे का असर भी बढ़ेगा मौसम विभाग की मानें तो अब ठंड के साथ कोहरा भी बढ़ेगा। फिलहाल देर रात और अल सुबह ठंड का असर ज्यादा है। वहीं, सुबह हलका कोहरा भी है, जो आने वाले दिनों में बढ़ जाएगा। अभी मंडला में सबसे कम 1-2 किलोमीटर विजिबिलिटी मंडला में देखने को मिली है। जबलपुर, रीवा और सतना में यह 2 से 4 किलोमीटर रही।
नवंबर में तेज ठंड का ट्रेंड प्रदेश में नवंबर में पिछले 10 साल से ठंड के साथ बारिश का ट्रेंड भी है। अबकी बार भी ऐसा ही मौसम रहेगा। वहीं, बारिश के लिहाज से अक्टूबर का महीना उम्मीदों पर खरा उतरा है। औसत 2.8 इंच पानी गिर गया, जो सामान्य 1.3 इंच से 121% ज्यादा है।
वहीं, भोपाल में दिन ठंडे रहे। 30 अक्टूबर को दिन का तापमान 24 डिग्री रहा। मौसम विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले 25 साल में अक्टूबर का यह सबसे ठंडा दिन रहा। उज्जैन, छतरपुर, नरसिंहपुर समेत कई शहरों में पारा 24 डिग्री के नीचे ही रहा।
अब जानिए नवंबर में कैसा रहेगा मौसम मौसम विभाग ने अनुमान लगाया था कि नवंबर के दूसरे सप्ताह में ठंड का असर बढ़ेगा। हुआ भी वैसा ही। पारे में खासी गिरावट देखने को मिल रही है। खासकर ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में, जहां उत्तरी हवाएं सीधी आती हैं, वहां पारा लुढ़केगा। ग्वालियर में 56 साल पहले नवंबर में रात का टेम्प्रेचर रिकॉर्ड 3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है।
उज्जैन में 52 साल पहले न्यूनतम पारा रिकॉर्ड 2.3 डिग्री तक जा चुका है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में इस महीने बारिश का ट्रेंड है। इस बार नवंबर के पहले सप्ताह में ही बारिश होने के आसार है। तीसरे और चौथे सप्ताह में सिस्टम एक्टिव होने से भी बारिश हो सकती है।





