जी-20 शिखर सम्मेलन में छाए भारतीय और रूसी गीत

नई दिल्ली.

दिल्ली विश्वविद्यालय संस्कृति परिषद के सहयोग से भारती कॉलेज में जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें पारंपरिक भारतीय और रूसी गीतों की मनमोहक प्रस्तुतियां दी गईं। सम्मेलन का अंतर्निहित विषय मजबूत भारत-रूस संबंधों पर केंद्रित था। भारती कॉलेज ने दिल्ली विश्वविद्यालय के स्लेवोनिक और फिनो-उग्रियन अध्ययन विभाग के साथ भी सहयोग किया।

सम्मेलन में भारत और रूस-व्यापार और कॅरियर के अवसरों के माध्यम से साझेदारी को मजबूत करने के विषय पर अकादमिक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर रशियन हाउस में शिक्षा प्रमुख विक्टर गोरलिख शामिल रहे। अकादमिक संगोष्ठी ने प्रसिद्ध रूसी संस्थानों में भारतीय छात्रों के लिए अवसरों पर प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथियों ने भारत और रूस के बीच समग्र अंतरराष्ट्रीय नीतियों पर भी प्रकाश डाला, जिसने दोनों देशों के आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

नाटक ने किया मंत्रमुग्ध
सम्मेलन में पारंपरिक भारतीय और रूसी गीतों, प्रसिद्ध रूसी गीत ''मॉस्को नाइट्स'' और रूसी लोक गीत ''कत्यूषा'' पर कथक प्रदर्शन जैसे नृत्य और सांस्कृतिक प्रदर्शनों की प्रस्तुतियां दी गईं। इसका मुख्य आकर्षण एक विशेष नाटक ''ओम-भारत एक स्वर्णिम यात्रा'' था, जिसने सभी को मंत्रमुग्ध किया। भारती कॉलेज ने सांस्कृतिक और खाद्य प्रदर्शनियां भी प्रदर्शित कीं। इसमें भारत और रूस के इतिहास, कला, संस्कृति, परंपराओं और साहित्य पर प्रकाश डालने वाले अवशेष, पेंटिंग, शास्त्र, हस्तशिल्प और व्यंजन थे। सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि दक्षिणी दिल्ली परिसर के निदेशक प्रो. प्रकाश सिंह और विशिष्ट अतिथि संस्कृति परिषद संचालन समिति के चेयरपर्सन अनूप लाठर ने किया। इस दौरान संस्कृति परिषद के डीन प्रो. रविंदर कुमार भी मौजूद रहे। संगोष्ठी की अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री अरबिंदो कॉलेज (ई) के वाणिज्य विभाग की प्रो. सुमति वर्मा ने की। भारती कॉलेज की प्राचार्या प्रो. सलोनी गुप्ता ने कार्यक्रमों की शृंखला के बारे में सभा को जानकारी दी। वहीं, सम्मेलन का समापन कई मनमोहक प्रदर्शनों के साथ हुआ, जिसमें रूसी लोक नृत्य ''पोरुष्का परन्या'', रशियन हाउस फाउंडेशन के लाडाफोक चोइर समूह के गाने और मंत्रमुग्ध कर देने वाले उत्तर-पूर्वी नृत्य शामिल थे।

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