‘न्यूज क्लिक’: 100 से अधिक स्थानों पर छापेमारी, 500 पुलिसकर्मी तैनात, 38 करोड़ बने चर्चा का विषय

नई दिल्ली
ऑनलाइन पोर्टल न्यूजक्लिक से जुड़े कई पत्रकारों और कर्मचारियों के चीनी संबंध होने की अटकलों के बीच दिल्ली पुलिस ने मंगलवार सुबह छापेमारी की। 2 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें यह तय किया गया कि इस मामले को कैसे आगे बढ़ाया जाए। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और मुंबई में 100 से ज्यादा जगहों पर आज सुबह 6 बजे से छापेमारी शुरू हुई।

500 पुलिसकर्मी तैनात
सूत्रों के मुताबिक, जिन लोगों पर छापेमारी होनी थी उनके नामों की एक सूची बनाई गई और उन्हें 3 (ए, बी, सी) श्रेणियों में बांटा गया। श्रेणी ए में शामिल लोगों को हिरासत में लिया गया है। न्यूजक्लिक के संस्थापक और संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को पूछताछ के लिए दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल कार्यालय लाया गया। इस छापेमारी में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की सभी रेंज की टीमें समेत 500 पुलिसकर्मी तैनात हैं। कड़े आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत 17 अगस्त को दर्ज मामले के आधार पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा दिल्ली और पड़ोसी इलाकों नोएडा और गाजियाबाद में 100 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की गई। अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि कुछ पत्रकारों को पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशनों में ले जाया गया है।

38 करोड़ बने चर्चा का विषय
ईडी ने पहले आरोप लगाया था कि समाचार पोर्टल को तीन साल की अवधि के भीतर चीन से जुड़ी संस्थाओं से 38.05 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई। इस रकम का इस्तेमाल कैसे किया गया, यह जांच के दायरे में है। प्राप्त धनराशि कथित तौर पर गौतम नवलखा और मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड के सहयोगियों सहित कई विवादास्पद पत्रकारों को वितरित की गई थी। न लोगों ने न्यूजक्लिक से वेतन या पारिश्रमिक प्राप्त किया है, उनकी जांच की जा रही है। जिन पत्रकारों के घरों की आज तलाशी ली गई, उनके लैपटॉप और फोन आगे की जांच के लिए जब्त कर लिए गए हैं।

क्या है 'न्यूज क्लिक', किसको मिली विदेशी फंडिंग
दरअसल, 'न्यूज क्लिक'  एक डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म है। इसके ऊपर बीजेपी ने चीन का साथ देकर भारत में माहौल खराब करने का आरोप लगाया था। यह पोर्टल ED के छापों के चलते पहले भी चर्चा में रह चुका है। दो साल पहले ED ने बताया था कि न्यूज क्लिक को विदेशों से लगभग 38 करोड़ रुपए की फंडिंग हासिल हुई है। साथ ही बीजेपी की ओर से यह भी आरोप लगा कि 2005 से 2014 के बीच जब भी कोई संकट आया कांग्रेस को भी चीन से पैसा मिला है। अब द न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) रिपोर्ट में बताया गया है कि न्यूज क्लिक को विदेशी फंडिंग से 38 करोड़ हासिल हुए हैं और यह पैसा कुछ पत्रकारों में बांट दिया गया है।
 
अब क्यों निशाने पर है कांग्रेस ?
सवाल अब यह है कि आखिर कांग्रेस सवालों के घेरे में क्यों हैं। बीजेपी की ओर से क्यों इस मामले में कांग्रेस को घसीटा जा रहा ? दरअसल, बीजेपी का अब आरोप है कि जब दो साल पहले उन्होंने न्यूज क्लिक के खिलाफ मोर्चा खोला था तो कांग्रेस उस समय पोर्टल का बचाव कर रही थी। अनुराग ने अगस्त महीने कहा था कि, घमंडिया गठबंधन और इस गठबंधन के नेता और इससे पोषित समर्थित लोग कभी भारत का हित नहीं सोच सकते हैं। भारत को कमजोर कैसे करना है, कैसे भारत विरोधी एजेंडे को हवा, खाद और पानी दिया जाए ये सब चिंता इससे जुड़े लोग करते हैं।'' अनुराग ठाकुर ने आगे कहा था, ''भारत लंबे समय से दुनिया को बता रहा था कि न्यूज़ क्लिक भी प्रचार का एक वैश्विक जाल है। कांग्रेस, चीन, न्यूज क्लिक सभी एक भारत विरोधी गर्भनाल से जुड़े हुए हैं। अब राहुल गांधी की नकली मोहब्बत की दुकान में चीनी सामान साफ नजर आने लगा है।''

 

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