हनुवंतिया पर जिस क्रूज में सीएम ने की थी कैबिनेट मीटिंग, वह पानी में डूब गया

हनुवंतिया

 पर्यटन स्थल हनुवंतिया पर पिछले दिनों आए तूफान की चपेट में आने से डूबे हाउस बोट और क्रूज को अब तक निकाला नहीं जा सका है। दो साल पहले भी क्रूज में पानी भरने से आधा डूब गया था। वहीं तूफान की चपेट मे आने से हाउट बोट भी क्षतिग्रस्त हो गया था। पर्यटन विकास निगम की अदूरदर्शिता की वजह से करोड़ों रुपयों की लागत से तैयार किए गए दोनों हाउस बोट शुरू से ही अनुपयोगी साबित होने से हनुवंतिया में किनारे पर खड़े हुए हैं।

हैदराबाद से तकनीकी टीम आई थी

पर्यटन स्थल के मैनेजर सुभाष अग्रवाल ने बताया कि यहां हैदराबाद से तकनीकी टीम आकर निरीक्षण कर चुकी है। सोमवार या मंगलवार तक हाउस बोट और क्रूज को निकालने की संभावना जताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि रविवार रात करीब नौ बजे जलाशय में उठी तेज लहरों के कारण हाउसबोट और क्रूज के पिछले हिस्सों में पानी भरने से वे डूब गए थे।

दो करोड़ की लागत का 86 सीटर क्रूज

करीब दो करोड़ की लागत के इस 86 सीटर क्रूज और केरल की विशेष लकड़ी से बने हाउस बोट को स्थानीय स्तर पर निकालने का प्रयास किया गया था, लकिन इसमें सफलता नहीं मिल पाई थी। अब पानी में पड़े इसे क्रूज और हाउस बोट को निकालने की कवायद की जा रही है।

निकालने में लगेगा समय

पर्यटन विकास निगम के अधिकारियों ने हैदराबाद की टीम के साथ मौके का निरीक्षण किया है, लेकिन अब भी इसे निकालने में समय लगेगा। अधिकारी सोमवार या मंगलवार तक इसे निकालने की बात कह रहे हैं। इन्हें निकालने के बाद यह किस परिस्थिति में है और क्या.क्या खराबी आ रही है यह पता चलेगा।

तेज लहरों के कारण एक हाउस बोट डूब गया था

बता दें दो साल पहले भी पर्यटन स्थल हनुमंव‍िया के जलाशय में तेज लहरों के कारण एक हाउस बोट डूब गया था जिसे बड़ी मशक्कत के बाद निकाला गया था। तब से यह हाउस बोट भंगार में पड़ा है। यहां एक क्रूज चलता था, वो भी अब खराब होने की स्थिति में आ रहा है।

पर्यटन पर पड़ेगा असर

हनुवंतिया जलाशय में एक क्रूज चलने से यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते थे और इसका लूत्फ उठाते थे। लेकिन अब इसके डूबने से पर्यटकों की संख्या भी कम होगी। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस पर यहां कम ही संख्या में पर्यटक पहुंचे और यहां सन्नाटा पसरा रहा। क्रूज डूबने के बाद से अन्य गतिविधियां भी यहां ठप है।

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