महिला एवं बाल विकास विभाग बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की करेगा जिलों में रैंकिंग

भोपाल

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत अब जिलों के प्रदर्शन के आधार पर महिला एवं बाल विकास विभाग उनकी रैँकिंग करेगा और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जिलों को प्रोत्साहित, पुरस्कृत किया जाएगा। इसके लिए सरकार एक सिस्टम विकसित करने की तैयारी में है।

भारत सरकार ने वर्ष 2015 में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना शुरु की थी। इसका उद्देश्य स्त्री-पुरुष लिंग अनुूपात को बढ़ावा देना और लड़कियों को उनके पूरे जीवन चक्र में सशक्त बनाना है। इस योजना के शुरु होंने के समय देश में लिंगानुपात 918 था और योजना शुरु होंने के बाद यह बढ़कर 934 पर आ गया है। लेकिन अभी भी विश्व स्वास्थ्य संगठन के अंतरराष्टÑीय मानक  952 से यह कम है। देश के 516 जिलों में लिंगानुपात डब्ल्यूएच मानकों से कम है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना में  लिंगानुपात के दर्जे के आधार पर उन्हें निधि का आवंटन होता है। 918 से कम या उसके बराबर लिंगानुपात वाले जिलों को अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाती है।

तैयार होंगे स्कोर कार्ड
जो रैंकिंग महिला एवं बाल विकास विभाग करेगा उसके अनुसार जिले के स्कोरकार्ड तैयार किए जाएंगे। इसमें महिलाओं के कल्याण को बढ़ावा देने की गई प्रगति का आंकलन किया जाएगा। स्कोर कार्ड मिशन शक्ति प्रबंधन सूचना प्रणाली से निकाले गए आंकड़ों के आधार पर तैयार किया जाएगा। इसमें प्रक्रिया संकेतक और परिणाम संकेतक के अलग-अलग खंड शामिल होेंगे। प्रत्येक जिले में प्रदर्शन का मूल्यांकन करने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। जिला स्कोर कार्ड के आधार पर मंत्रालय वार्षिक जिला रैंकिंग जारी करेगा। इसकी निगरानी के लिए एक समिति महिला बाल विकास सचिव की अध्यक्षता में गठित की जाएगी। अच्छी रैंकिंग पाने वाले जिलों को पुरस्कृत किया जाएगा। अतिरिक्त बजट भी उन्हें आवंटित किया जाएगा

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