समाज में राजनीति से हटकर आप क्या करते हैं… मोदी के प्रश्न का जवाब नहीं दे पाए एमपी के सांसद-विधायक

भोपाल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के सभी भाजपा विधायक, सांसद और राज्यसभा सदस्य के अतिरिक्त पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ संवाद किया। भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित बैठक में प्रधानमंत्री ने विधायकों से कहा कि सत्ता सेवा के लिए है, इसका उपयोग जनता की सेवा के लिए करो। जनता आपको चुनाव जिताती है, समाज में राजनीति से हटकर आप क्या कर रहे हैं। आप ऐसा कौन सा काम कर रहे हैं, जिससे समाज आपको अलग अंदाज में पहचाने।
मोदी का आशय था कि दिव्यांगों की सेवा, गो सेवा या ऐसा कोई काम जनप्रतिनिधियों को अपने हाथ में लेना चाहिए, जो समाज में अलग पहचान दे। एक विधायक से पीएम ने पूछा कि आपको पंडित दीनदयाल जी का कोई संस्मरण याद हो तो बताएं। एक विधायक से मोदी ने पूछा कि कुशाभाऊ ठाकरे कौन थे? नए विधायकों से उन्होंने सवाल किया कि अपने क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए आप क्या करते हैं। सबने अपनी-अपनी बात रखी।
जनप्रतिनिधियों को पीएम मोदी ने नसीहत भी दी
- पीएम मोदी ने मौजूद जनप्रतिनिधियों को नसीहत भी दी कि वे अपना व्यवहार सदैव ही अच्छा रखें। अपनी सेहत का भी ध्यान रखो। जनता आपको देखती है, समाज उसी हिसाब से प्रतिक्रिया देता है।
- सामाजिक भागीदारी जितनी बढ़ा सकते हो, बढ़ाओ, यही आपकी ताकत बनेगा। कार्यकर्ताओं की चिंता करो। उनसे नियमित संवाद बनाकर रखो। वे ही आपकी नैया पार लगाते हैं।
- इस दौरान प्रधानमंत्री लगभग दो घंटे यहां रुके और साथ में भोजन भी यहीं किया। पीएम ने राजभवन में रात्रि विश्राम किया। बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के अलावा कैबिनेट के मंत्री उपस्थित रहे।
विधायकों से कार्यप्रणाली भी जानी
सभागार में विधायक-सांसदों का टेबल इस तरह से तैयार किए गए थे कि मोदी मंच से उतरकर उनसे संवाद करेंगे, लेकिन पीएम मंच से नहीं उतरे। मोदी ने मंच से ही विधायकों से संवाद किया।
उन्होंने पूछा कि वे विधानसभा में किस तरह के मुद्दे उठाते हैं? प्रश्न कैसे करते हैं? कुछ विधायकों ने बताया कि पीएम ने हमारी कार्यप्रणाली जानने का प्रयास किया कि हम जनता के बीच काम कैसे करते हैं। सहज अंदाज में सभी से यह भी कह दिया कि जो बोला है, उसे दिल में ही रखना है और आत्मसात करना है।
पास लाना भूले इंदौर के सांसद लालवानी
बैठक में कुल 208 लोग मौजूद थे। 163 विधायक, 29 सांसद, आठ राज्यसभा सदस्य के अलावा पार्टी के कुछ ही प्रमुख पदाधिकारी शामिल थे। सभी लोगों को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि वे मोबाइल अपने साथ नहीं रखेंगे। सभी के लिए पास जारी किए गए थे, इसी के आधार पर उन्हें एंट्री दी गई।
इंदौर के सांसद शंकर ललवानी पास लाना भूल गए थे, बाद में जब उन्होंने अपना पास मंगवाया तब अंदर गए। प्रधानमंत्री सोमवार को जीआईएस का शुभारंभ करने के बाद बिहार प्रवास पर निकल जाएंगे।