असीम मुनीर ने अमेरिका की धरती से भारत के मुकेश अंबानी को यूं ही नहीं दी धमकी, डोनाल्ड ट्रंप से है गहरा कनेक्शन, समझें

वॉशिंगटन: पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने अमेरिका के दौरे पर भारत के खिलाफ हदें पार करने वाला काम किया है। मुनीर ने फ्लोरिडा के टैम्पा में एक कार्यक्रम के दौरान भारत के सबसे ताकतवर उद्योगपतियों में से एक मुकेश अंबानी के खिलाफ जहर उगला था, जिससे रिलायंस की जामनगर स्थित रिफाइनरी को निशाना बनाने की पाकिस्तान की मंशा का पता चलता है। मुनीर की इस टिप्पणी को एक सोझी-समझी चाल माना जा रहा है, जिसका कनेक्शन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से है।
अंबानी को मुनीर की धमकी
टैम्पा के एक होटल में बंद कमरे में दिए गए भाषण के दौरान जनरल मुनीर ने कथित तौर पर एक सोशल मीडिया पोस्ट का हवाला दिया। इस पोस्ट में कुरान की आयत के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी की तस्वीर थी। मुनीर ने कहा कि हालिया सैन्य टकराव के दौरान उन्होंने उस पोस्ट को ‘इसलिए अधिकृत किया था, ताकि उन्हें पता चल सके कि अगली बार हम क्या करेंगे।’
भारत को डराने की कोशिश
इंडिया टुडे की रिपोर्ट में कुछ लोगों के हवाले से कहा गया है कि रिलायंस रूसी कच्चे तेल का एक प्रमुख खरीदार है। ऐसे में मुनीर की धमकी सिर्फ एक उद्योगपति से जुड़ी नहीं है। यह भारत की आर्थिक संप्रभुता पर हमला था। मुनीर के बयान का डोनाल्ड ट्रंप से कनेक्शन इस वजह से ज्यादा विश्वसनीय लगता है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति का टैरिफ हमला अब तक बेअसर साबित हुआ है।
खुद को ट्रंप का वफादार दिखाना चाह रहे मुनीर
चीन पर दबाव बनाने में नाकाम होने के बाद अब अमेरिका का ध्यान भारत पर केंद्रित हो गया है। दबाव बनाने के अभियान में अंबानी के खिलाफ हालिया धमकी एक शर्मनाक रणनीति है। अमेरिका का बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) को आतंकवादी समूह घोषित करना भी इसी रणनीति का हिस्सा है, जिसमें भारत को नाराज करना औऱ बलूचिस्तान के खनिज संसाधनों तक पहुंच का वादा करके पाकिस्तान को लुभाना शामिल है।
इस नजरिए को तब और समर्थन मिला जब इसी सप्ताह एक संयुक्त बयान में अमेरिकी विदेश विभाग ने क्षेत्र और दुनिया की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले आतंकवादी संगठनों पर लगाम लगाने में पाकिस्तान की निरंतर सफलता की तारीफ की। मुनीर की अंबानी को धमकी को अमेरिकी राष्ट्रपति के सामने वफादारी दिखाने के लिए बेकरारी के रूप में देखा जा रहा है।