टोल टैक्स से किसे मिलती है छूट? टू-व्हीलर को भी देना पड़ सकता है पैसा, जानें टोल प्लाजा पर क्या हैं आपके अधिकार

नई दिल्ली: हाल ही में एक टोल प्लाजा पर टोल टैक्स को लेकर सेना के एक जवान और वहां मौजूद टोलकर्मियों के बीच झगड़ा हो गया। इसे लेकर एक नई बहस शुरू हो गई कि टोल प्लाजा से क्या सैनिक को छूट नहीं मिलती। इसी चर्चा में एक के बाद एक कई चीजें शामिल होती गईं। सोशल मीडिया पर भी इस तरह की खबरें आती हैं कि अगर 10 सेकेंड से ज्यादा की देरी हो जाए तो बिना टोल दिए जा 

सकते हैं। टोल प्लाजा पर लगने वाले जाम को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जताई और ऐसे में टोल टैक्स क्यों दिया जाए, इसे लेकर भी सवाल उठाए।

दरअसल, देश में कई तरह की टोल व्यवस्था है। इस टोल टैक्स मिलने वाले पैसे से न केवल देश की आर्थिक व्यवस्था को सहारा मिलता है बल्कि हाईवे बनाने और उनकी देखभाल करने के लिए बहुत जरूरी है। टोल टैक्स इंटरस्टेट एक्सप्रेसवे, पुलों, सुरंगों और नेशनल या स्टेट हाईवे का इस्तेमाल करने के लिए दिया जाता है। जो गाड़ियां इन जगहों से गुजरती हैं, उन्हें टोल टैक्स चुकाना होता है। गाड़ी के साइज के आधार पर उनसे टोल टैक्स लिया जाता है।

एनएचएआई ने बनाए नियम

भारत में टोल टैक्स के नियमों और सिस्टम की जिम्मेदारी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की है। एनएचएआई ने कुछ नियम बनाए हैं जो यह तय करते हैं कि टोल टैक्स कैसे जमा किया जाएगा। इन नियमों में टैक्स में छूट, टैक्स की वैधता, और यह तय करने के नियम शामिल हैं कि किसी खास हाईवे/एक्सप्रेसवे के लिए रोड टैक्स कितना होगा।

कैसे तय होता है टोल टैक्स?

किस वाहन से कितना टोल टैक्स और क्यों लिया जाता है, इसके बारे में भी एनएचएआई ने नियम बनाए हैं। टोल टैक्स इस प्रकार तय होता है:

1. वाहन का प्रकार
टैक्स का भुगतान अलग-अलग वाहनों के लिए उनके आकार के हिसाब से तय किया जाता है। यानी भारी वाहनों जैसे ट्रक और बसों को कारों की तुलना में ज्यादा टैक्स देना होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारी वाहन छोटे वाहनों की तुलना में सड़कों को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं।
2. लोड क्षमता
लोड क्षमता भी किसी वाहन के रोड टैक्स को तय करने में एक अहम भूमिका निभाती है। ज्यादा लोड क्षमता वाले वाहन सड़कों को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में इन्हें भी ज्यादा टोल चुकाना पड़ता है।
3. पैसेंजर कार यूनिट
रोड टैक्स की गणना वाहन की यात्रियों को ले जाने की क्षमता के आधार पर भी की जाती है। भारत सरकार के अनुसार, पैदल चलने वालों के लिए कोई टोल टैक्स नहीं है, और दोपहिया वाहनों को टोल टैक्स देने से छूट मिली है।

सेना को लेकर क्या है नियम?

भारतीय पथकर (सेना एवं वायु सेना) अधिनियम, 1901 के अनुसार, सरकारी वाहन में यात्रा करने वाले किसी भी सैनिक को टोल टैक्स नहीं देना पड़ता। हालांकि, सैनिकों को टोल प्लाजा पर अपना पहचान पत्र और ड्यूटी संबंधी दस्तावेज दिखाने पड़ सकते हैं। वहीं जब सेना का काफिला गुजर रहा हो तो उसे भी टोल नहीं देना होता।

इसके उलट अगर सेना का कोई जवान ड्यूटी पर नहीं है यानी वह छुट्टी पर है या उसकी ड्यूटी खत्म हो चुकी है और वह प्राइवेट व्हीकल से सफर कर रहा है तो उसे टोल प्लाजा पर टोल देना होगा। यह टोल उसे आम नागरिकों की तरह ही देना होता है। ऐसे में सेना के जवान को किसी भी प्रकार की छूट नहीं मिलती।

क्या टू-व्हीलर को भी देना पड़ता है टोल?

हाल में सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हुआ था जिसमें दावा किया जा रहा था कि नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर टू-व्हीलर से टोल वसूला जा रहा है। यह वीडियो दिल्ली और आगरा के बीच बने यमुना एक्सप्रेसवे का था। इसे लेकर एनएचएआई ने स्पष्टीकरण दिया था।

एनएचएआई ने कहा था कि नेशनल हाईवे पर किसी भी टू-व्हीलर से टोल नहीं वसूला जाता है। यमुना एक्सप्रेसवे एनएचएआई के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। यह स्टेट हाईवे है और इसकी जिम्मेदारी यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) की है। ऐसे में यहां टोल की दरें YEIDA द्वारा निर्धारित की जाती हैं।

एनएचएआई ने कहा था कि नेशनल हाईवे पर किसी भी टू-व्हीलर से टोल नहीं वसूला जाता है। यमुना एक्सप्रेसवे एनएचएआई के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। यह स्टेट हाईवे है और इसकी जिम्मेदारी यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) की है। ऐसे में यहां टोल की दरें YEIDA द्वारा निर्धारित की जाती हैं।

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