भोपाल में इंजीनियर उदित गायकी को पुलिसकर्मियों ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था, सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई घटना

भोपाल। इंजीनियर उदित गायकी की पुलिस की पिटाई से हुई मौत के मामले में हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए दोनों आरक्षक सौरभ आर्य और संतोष बामनिया को रविवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पुलिस की बर्बरता की इस घटना ने पूरे प्रदेश में पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

गुरुवार-शुक्रवार रात को 22 वर्षीय उदित गायकी इंद्रपुरी क्षेत्र में अपने दोस्तों के साथ कार में म्यूजिक बजाकर पार्टी कर रहा था। इसकी सूचना जब रात्रि गश्त कर रहे पिपलानी थाने के आरक्षक सौरभ और संतोष को मिली तो वे युवकों के पास पहुंचे। पुलिस को देखकर उदित घबरा गया और भागने लगा, तब सौरभ ने उसे पकड़ा और डंडे से बेरहमी से उसकी पिटाई की।

सीसीटीवी में कैद हुई पुलिस की बर्बरता

साथ ही संतोष बंदूक लेकर उसके पास खड़ा रहा। पुलिस की यह बर्बरता गली में लगे सीसीटीवी में भी कैद हुई है। इस घटना के करीब एक घंटे बाद उदित की कार में मौत हो गई थी। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस अधिकारियों ने दोनों आरक्षकों को निलंबित कर दिया था। उधर मृतक की पीएम रिपोर्ट में अग्नाशय में चोट लगने से मौत की पुष्टि के बाद आरक्षकों के विरुद्ध शुक्रवार रात को हत्या का केस दर्ज किया गया।

शनिवार को आरोपितों को गिरफ्तार किया और शनिवार को उन्हें जेल भेजा गया। आरोपित आरक्षक सौरभ आर्य मूलत: बैतूल जिले का रहने वाला है। वह गोविंदपुरा पुलिस लाइन में रहता था। वह वर्ष 2018 के बैच का पुलिसकर्मी है। सौरभ लंबे समय से पिपलानी थाने में पदस्थ था। वहीं आरक्षक संतोष बामनिया ने 2021 में पुलिस सेवा ज्वाइन की थी। वर्तमान में वह जहांगीराबाद में जेल रोड स्थित मैसूर सैयद कालोनी में रहता था।

सीबीआई जांच की मांग

मृतक उदित के मामा सुभाष गवांडे ने आरोप लगाया कि पुलिस ने न्याय सम्मत एफआईआर दर्ज नहीं की है। ऐसे में जांच को प्रभावित भी किया जा सकता है। इस केस की सीबीआई जांच होनी चाहिए, ताकि उदित को इंसाफ मिल सके। उन्होंने कहा कि एफआईआर में रिश्वत मांगने और मारपीट का स्पष्ट जिक्र होना चाहिए था।

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