MP Police Recruitment 2025 में अब ट्रांसजेंडरों को आरक्षक बनने का अवसर

भोपाल: मध्य प्रदेश पुलिस इस बार अपनी आरक्षक भर्ती में ट्रांसजेंडरों (Madhya Pradesh Police Recruitment 2025 Transgender) को भी अवसर देने जा रही है। कर्मचारी चयन मंडल (MP Vyapam) ने बुधवार देर शाम जारी अधिसूचना में संशोधन किया और लिंग विकल्प में पुरुष, महिला के साथ ‘अन्य’ शामिल किया।इससे पहले भर्ती अधिसूचना में केवल पुरुष और महिला के लिए विकल्प थे। नए बदलाव के तहत आवेदन प्रक्रिया अब 16 अक्टूबर से शुरू होकर 22 अक्टूबर तक चलेगी। इसके बाद 23 अक्टूबर तक आवेदन पत्र में संशोधन किए जा सकेंगे और 29 अक्टूबर तक प्रमाणपत्र अपलोड किया जा सकेगा।
7500 आरक्षक पदों पर चयन
इस भर्ती के माध्यम से 7500 आरक्षक पदों पर चयन किया जाएगा। न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास रखी गई है और आयु सीमा 18 से 33 वर्ष निर्धारित है। कर्मचारी चयन मंडल ने बताया कि इस बदलाव के पीछे सर्वोच्च न्यायालय का 2014 का निर्णय है, जिसमें ट्रांसजेंडरों को तीसरे लिंग के रूप में मान्यता दी गई और सरकारी सेवाओं में भर्ती का रास्ता खोला गया। हालांकि, प्रदेश पुलिस में अभी तक कोई ट्रांसजेंडर कर्मचारी नहीं हैं। केवल दो महिला कर्मियों को लिंग परिवर्तन कर पुरुष बनने की अनुमति मिली थी। अधिकारियों का कहना है कि यदि इस भर्ती प्रक्रिया में कोई ट्रांसजेंडर सफल होता है, तो वह प्रदेश पुलिस में अपने समुदाय का पहला सदस्य बनेगा।
कई राज्यों में ट्रांसजेंडरों की पुलिस भर्ती पहले ही शुरू
देश के अन्य राज्यों में ट्रांसजेंडरों की पुलिस भर्ती पहले ही शुरू हो चुकी है। तमिलनाडु ने 2017 में पहली सब-इंस्पेक्टर की नियुक्ति की थी। 2022 में छत्तीसगढ़ में 13 ट्रांसजेंडर आरक्षकों की भर्ती हुई थी। बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक, बंगाल और महाराष्ट्र में भी ट्रांसजेंडरों को पुलिस भर्ती में शामिल किया जा चुका है। मध्य प्रदेश सरकार ने इस बार आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसे फिर से शुरू किया है ताकि ट्रांसजेंडर उम्मीदवार भी अवसर का लाभ उठा सकें। कर्मचारी चयन मंडल ने स्पष्ट किया है कि आवेदन प्रक्रिया में सभी आवश्यक दिशा-निर्देश और आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी अधिसूचना में उपलब्ध है।
प्रदेश पुलिस में सामाजिक समावेशन को मिलेगा बढ़ावा
इस बदलाव से प्रदेश पुलिस में सामाजिक समावेशन को बढ़ावा मिलेगा। ट्रांसजेंडर समुदाय के युवाओं को सरकारी सेवाओं में आने का रास्ता खुलेगा और समान अवसर मिलेंगे। यह कदम न्यायालय के निर्णय के अनुसार उचित अवसर देने और भर्ती प्रक्रिया को अधिक समावेशी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।