दिलजीत दोसांझ बोले- जब तक कलाकार जिंदा है उसे कोई नहीं पूछता, मरने के बाद उन्हें प्यार और सम्मान मिलता है

साल 2024 में दिलजीत दोसांझ की फिल्म ‘चमकीला’ आई थी, जो कि पंजाबी सिंगर अमर सिंह चमकीला की जिंदगी पर बेस्ड है। फिल्म को कई कैटगिरी में नॉमिननेट किया गया, लेकिन फिल्म एक भी अवॉर्ड अपने नाम नहीं कर पाई।
अब दिलजीत ने नेटफ्लिक्स के साथ मिलकर एक वीडियो रिलीज किया है, जिसमें उन्होंने फिल्म और एक आर्टिस्ट के स्ट्रगल के बारे में बात की है। उनका कहना है कि जब तक कलाकार जिंदा होता है, तब तक उसे परेशान किया जाता है लेकिन मरने के बाद उन्हें सम्मान मिलता है।
‘जब तक कोई कलाकार मर नहीं जाता, तब तक लोग उसे महान नहीं कहते हैं’
दिलजीत दोसांझ ने अपने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया है और बताया कि एक कलाकार को सफल बनने के लिए क्या कुछ झेलना पड़ता है। वीडियो में वो कहते नजर आ रहे हैं, ‘एक कलाकार को अपनी जिंदगी में हर तरह की परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है और जब तक वो मर नहीं जाता, तब तक लोग उसे महान नहीं कहते हैं और अपना प्यार भी नहीं देते। जब वे मर जाते हैं या चमकीला की तरह मार दिए जाते हैं, तभी उन कलाकारों को ‘महान’ कहा जाता है या लोगों का प्यार मिलता है। उसके बाद ही उनके काम की सराहना की जाती है क्योंकि एक तो वो जिंदा नहीं है, दूसरा आपका कॉम्पिटिशन नहीं है और तीसरा मरे हुए इंसान को सम्मान देना इंसानों का स्वभाव है।’
‘जब तक कलाकार जिंदा है, उसे कोई नहीं पूछता’
उन्होंने आगे कहा कि ‘ये दुनिया एक फिल्मी सेट की तरह है और हर कोई अपना किरदार निभा रहा है। जब तक कलाकार जिंदा है, उसे कोई नहीं पूछता, उसे मारने की धमकी दी जाती है, परेशान किया जाता है क्योंकि जो वह कर रहे हैं, वो समाज को बर्दाश्त नहीं हो पाता और मरने के बाद कहते हैं- वाह, क्या गाना था।’
दिलजीत बोले- वो सीन देखकर मैं भावुक हो उठा
इसके अलावा, उन्होंने अपनी फिल्म ‘चमकीला’ को लेकर भी खुलकर बात की है। उन्होंने कहा कि दिलजीत यहां वेलिडेशन के लिए नहीं आया है बल्कि ‘चमकीला’ के लिए आया है। अपने फिल्म से जुड़े अनुभवों पर सिंगर ने कहा कि फिल्म में एक शॉट है। यह शॉट मैंने इसलिए किया क्योंकि कोई दूसरा कलाकार इसे समय पर नहीं कर सकता था। मुझे शॉट देखकर कहा कि चमकीला मुझे कहीं से देख रहा है और वो सीन देखकर मैं भावुक हो उठा। मेरे लिए ये करना आसान नहीं था।
पंजाब का पहला ‘रॉकस्टार’ कहा जाता था
बता दें कि फिल्म ‘चमकीला’ अमर सिंह चमकीला की जिंदगी पर फिल्म है, जिसमें उनके संघर्ष और उनकी हत्या की कहानी दिखाई गई है। उन्हें पंजाब का पहला ‘रॉकस्टार’ कहा जाता था, क्योंकि उनके गानों में लोकगीतों के साथ नए संगीत की झलक भी दिखती थी। उनके गाने रूढ़िवादी विषयों को चुनौती देते थे और समाज में वे इसी वजह से खटकने लगे। साल 1998 में अमर सिंह चमकीला और उनकी पत्नी अमरजोत को गोलियों से भून दिया गया था और दोनों की मौत हो गई थी।
53वें इंटरनेशनल एमी अवार्ड्स 2025 में कोई अवॉर्ड नहीं
बता दें कि दिलजीत दोसांझ और उनकी फिल्म ‘अमर सिंह चमकीला’ को 53वें इंटरनेशनल एमी अवार्ड्स 2025 में कोई अवॉर्ड नहीं मिला। दरअसल फिल्म को ‘बेस्ट टीवी मिनी सीरीज’ और दिलजीत को ‘बेस्ट एक्टर’ के लिए नॉमिनेट किया गया था। दोनों में से किसी भी कैटिगरी में इन्हें कोई भी अवॉर्ड नहीं मिला।





