पश्चिमी देशों से मुकाबले के लिए मॉस्को, बीजिंग को निश्चित रूप से और करीब आना होगा : राष्ट्रपति पुतिन

अमेरिका सैन्य प्रणालियों के उत्पादन के लिए भारत के साथ सक्रियता से बातचीत कर रहा : पेंटागन

वाशिंगटन
अमेरिका के रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उनका देश आईएसआर (खुफिया, निगरानी एवं टोही) और जमीन आधारित पारंपरिक युद्ध सामग्री से संबंधित क्षेत्रों में सैन्य प्रणालियों का उत्पादन करने के लिए भारत सरकार के साथ सक्रियता से बातचीत कर रहा है।

रक्षा मंत्री के कार्यालय में दक्षिण एशिया नीति के निदेशक सिद्धार्थ अय्यर ने प्रतिष्ठित हडसन इंस्टीट्यूट द्वारा वाशिंगटन में  आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारत के साथ एक पारस्परिक रक्षा खरीद समझौता करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम आईएसआर और जमीन आधारित पारंपरिक युद्ध सामग्री से जुड़े क्षेत्रों में सैन्य प्रणालियां खरीदने के लिए भारत सरकार के साथ सक्रियता से बातचीत कर रहे हैं।’’

भारतीय-अमेरिकी अय्यर ने कहा कि आपूर्ति व्यवस्था की सुरक्षा को अंतिम रूप देने के लिए भारत और अमेरिका के बीच बातचीत में अच्छी प्रगति हो रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम पारस्परिक रक्षा खरीद समझौता करने के लिए आक्रामक तरीके से आगे बढ़ रहे हैं, जो अमेरिकी और भारतीय रक्षा उद्योग के लिए बाजार तक पहुंच बढ़ाएगा।’’

अय्यर के मुताबिक, यह संबंध पेंटागन की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि अमेरिका-भारत संबंधों का सही दिशा में आगे बढ़ना महज आवश्यक ही नहीं, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारी रणनीति को अंजाम देने के लिए अनिवार्य भी है।’’

अमेरिका : टेलीकॉल के जरिये धोखाधड़ी करने के जुर्म में दो भारतीयों को 41 महीने की जेल

वाशिंगटन
अमेरिका में लोगों को टेलीकॉल करके उनसे अवैध रूप से 12 लाख डॉलर की उगाही करने की साजिश में संलिप्तता को लेकर दो भारतीय नागरिकों को 41 महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। अमेरिका के एक वकील ने यह जानकारी दी।

वकील फिलिप आर सेलिंगर ने बताया कि आरुशोबिक मित्रा (29) और गर्विता मित्रा (25) ने टेलीकॉल के जरिये धोखाधड़ी के मामले में यूएस डिस्ट्रिक्ट जज इस्थर सालास के समक्ष अपना गुनाह कबूल कर लिया था।

सेलिंगर ने कहा, ‘‘प्रतिवादियों और साजिशकर्ताओं ने धोखाधड़ी और धमकियों के जरिये ऐसे नागरिकों को पैसे भेजने के लिए मजबूर किया, जो आसानी से उनके झांसे में आ सकते हैं।’’

अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी के इस मामले में दायर दस्तावेजों और अदालत में दिए गए बयानों के अनुसार, भारत स्थित ये आपराधिक कॉल सेंटर स्वचालित टेलीकॉल के जरिये अमेरिकी नागरिकों, खासकर बुजुर्गों से धन उगाही की मंशा से देशभर में पीड़ितों से संपर्क करते थे।

संघीय अभियोजकों ने बताया कि ये साजिशकर्ता पीड़ितों को धन भेजने के लिए राजी करने के वास्ते कई हथकंडे अपनाते थे। वे सामाजिक सुरक्षा प्रशासन या संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) जैसी एजेंसियों और अन्य विभागों के अधिकारी बनकर पीड़ितों से संपर्क करते थे और उन्हें कानूनी या वित्तीय परिणाम भुगतने की धमकी देकर पैसे देने के लिए राजी करते थे।

पश्चिमी देशों से मुकाबले के लिए मॉस्को, बीजिंग को निश्चित रूप से और करीब आना होगा : राष्ट्रपति पुतिन

मॉस्को
 सुरक्षा वार्ता के लिए मॉस्को पहुंचे चीन के एक वरिष्ठ राजनयिक की मेजबानी कर रहे रूस ने दोनों देशों को नियंत्रित करने के पश्चिमी देशों के कथित प्रयासों का मुकाबला करने के वास्ते नीतिगत मामलों में रूस और चीन के बीच घनिष्ठ समन्वय का आह्वान किया है।

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अध्यक्षता वाले रूस के सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पेत्रुशेव ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से कहा कि मॉस्को ‘‘रूस और चीन के बीच मौजूद व्यापक साझेदारी एवं रणनीतिक सहयोग में और प्रगति एवं मजबूती चाहता है।’’

पेत्रुशेव ने कहा, ‘‘पश्चिमी देशों द्वारा रूस और चीन को नियंत्रित करने के उद्देश्य से सामूहिक रूप से चलाए जा रहे अभियान के बीच अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में रूस-चीन समन्वय एवं संवाद को और मजबूत करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।’’

उन्होंने बताया कि पुतिन अगले महीने चीन की ‘‘बेल्ट एंड रोड’’ बुनियादी ढांचा पहल के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए बीजिंग की यात्रा करेंगे और इस दौरान उनके व चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच ‘अहम’ वार्ता हो सकती है।

पेत्रुशेव लंबे समय से पुतिन के करीबी सहयोगी रहे हैं। उन्होंने ताइवान, पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र और हांगकांग से संबंधित मुद्दों पर बीजिंग की नीति के लिए रूस के ‘‘बिना शर्त’’ समर्थन की पुष्टि की।

पेत्रुशेव ने आरोप लगाया कि ‘‘चीन को बदनाम करने के लिए पश्चिमी देश ताइवान, पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र और हांगकांग से संबंधित मुद्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं।’’

चीन ताइवान को अपना क्षेत्र बताकर उस पर दावा जताता है। वह द्वीप के चारों तरफ हवा और पानी में लगातार बड़े सैन्य अभ्यास कर रहा है। उसने देश के उन क्षेत्रों में विरोध की किसी भी आशंका को खत्म करने के लिए कड़े उपाय अपनाए हैं, जहां बड़ी संख्या में तिब्बती और उइगर सहित अन्य जातीय एवं धार्मिक समुदाय के लोग रहते हैं।

पश्चिमी देशों ने चीन की कठोर नीतियों की कड़ी आलोचना की है। वहीं, क्रेमलिन ने लगातार बीजिंग के लिए समर्थन व्यक्त किया है, क्योंकि पश्चिमी देशों से बिगड़ते संबंधों के बीच रूस और चीन तेजी से करीब आ रहे हैं।

चीन ने पिछले महीने ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) के विस्तार में मदद की थी, जिसके तहत छह और देशों को पांच देशों के इस समूह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था।

 

 

 

 

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