अल्जाइमर एक मानसिक डिसऑर्डर, जानें इससे जुड़े सच
अल्जाइमर एक मानसिक डिसऑर्डर है, जिसमें दिमाग का आकार सिकुड़ने लगता है। इसकी वजह से स्मरण शक्ति कमजोर होने लगती है। यह एक तरह की भूलने की बीमारी है। ऐसा माना जाता है कि अल्जाइमर सिर्फ बड़ी उम्र में लोगों में होता है, लेकिन ऐसा नहीं है। अल्जाइमर गंभीर मानसिक बीमारी डिमेंशिया का भी प्रमुख कारण होता है।
अल्जाइमर सिर्फ बुजुर्गों में होने वाली बीमारी है?
कई लोगों का मानना है कि अल्जाइमर सिर्फ बुजुर्गों में होने वाली बीमारी है। जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है, यह बीमारी 45 साल की उम्र में भी हो सकती है। हां, बुजुर्गों में अल्जाइमर ज्यादातर आनुवांशिक कारणों से होता है। खराब जीवनशैली, अनहेल्दी डाइट और आनुवांशिक कारणों से अल्जाइमर का खतरा बढ़ जाता है।
अल्जाइमर भूलने की बीमारी है?
कई लोगों की धारणा है कि अल्जाइमर और डिमेंशिया सिर्फ भूलने की बीमारी है। लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है, इस बीमारी के कारण दिमाग के नर्व सिस्टम डैमेज होने लगता है। इसमें भूलने के अलावा शरीर को कई दूसरे नुकसान भी होते हैं। इसकी वजह से मरीज के हाथ-पैर भी काम करना बंद कर देते हैं।
अल्जाइमर का इलाज है?
सच्चाई यह है कि अल्जाइमर का कोई इलाज नहीं है। बिहेवियर थैरेपी और दवाईयों की वजह से इस बीमारी को मैनेज किया जाता है। लेकिन दवाई लेना इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है। हां, यह आपको तत्काल राहत दे सकता है, लेकिन ट्रीटमेंट नहीं।
अल्जाइमर जानलेवा बीमारी नहीं हैं?
आपको जानकार हैरानी होगी कि यूएस में अल्जाइमर रोग मौत की छठी वजह है। बुर्जर्गों में हार्ट अटैक और कैंसर के बाद अल्जाइमर भी मौत का कारण है। ऐसा इसलिए क्योंकि अल्जाइमर से ग्रस्त रोगी अपने रोजाना के खान-पान को भी भूल सकता है , जिसकी वजह से शरीर को प्राप्त मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिल पाएंगे। इसके कारण व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।
एक स्वस्थ व्यक्ति को अल्जाइमर नहीं हो सकता है?
यह बात बिलकुल गलत है। हेल्दी व्यक्ति को आनुवांशिक कारणों और दुर्घटना आदि की वजह से अल्जाइमर होने का खतरा रहता है। इसलिए हेल्दी व्यक्ति में अल्जाइमर के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।