बांग्लादेशी महिला प्रेमी से शादी करने के लिए 3 बच्चों संग श्रावस्ती पहुंची, प्रेमी निकला 8 साल के बच्चे का पिता

नई दिल्ली
सोशल मीडिया के जरिये संपर्क में आने के बाद प्रेमी से शादी करने के लिए एक बांग्लादेशी महिला अपने 3 बच्चों के साथ उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती पहुंच गई, लेकिन प्रेमी के शादीशुदा होने का पता चलने के बाद अपने वतन लौट गई। पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि रवानागी से पहले भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने बांग्लादेशी महिला और उसके प्रेमी से गहन पूछताछ की है।

सोशल मीडिया के जरिये एक दूसरे के संपर्क में आए थे अब्दुल और दिलरुबा
पुलिस सूत्रों और ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार, श्रावस्ती के भारत-नेपाल सीमावर्ती मल्हीपुर थानाक्षेत्र में भरथा- रोशनगढ़ निवासी अब्दुल करीम (27) और बांग्लादेश के चटगांव की निवासी दिलरुबा शर्मी (32) सोशल मीडिया के जरिये एक दूसरे के संपर्क में आए थे। उन्होंने बताया कि संपर्क बढ़ने पर दोनों ने शादी का फैसला कर लिया। सूत्रों के अनुसार करीम खाड़ी देश बहरीन के एक रेस्तरां में काम करता है जबकि दिलरुबा के पति की कोविड-19 महामारी के दौरान मौत हो गई थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दिलरुबा पर्यटक वीजा पर 26 तारीख को बेटी संजीदा (15), पुत्र मोहम्मद साकिब (12) और मोहम्मद रकीब (सात) के साथ लखनऊ पहुंची।

8 साल के बच्चे का पिता निकला प्रेमी
सूत्रों के अनुसार वहीं, करीम भी उसी दिन बहरीन से लखनऊ पहुंच गया। उन्होंने बताया कि ये सभी लखनऊ से बहराइच गये और वहां दो दिन किसी होटल में रुकने के बाद सभी श्रावस्ती स्थित करीम के घर पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक, करीम ने दिलरुबा को बताया था कि वह शादीशुदा नहीं है लेकिन जब वह उसके घर पहुंची तो करीम की पत्नी भी वहां मौजूद थी। सूत्रों के अनुसार करीम की पत्नी ने कड़ा विरोध किया। सूत्रों के अनुसार विवाद देखकर ग्रामीणों ने पुलिस तथा भारत-नेपाल सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के अधिकारियों को सूचित किया। सूत्रों ने बताया कि विदेशी महिला का मामला देखकर सुरक्षा एंजेसियों ने गहन पूछताछ शुरू की तथा प्रेमी के शादीशुदा होने और उसकी पत्नी के साथ विवाद बढ़ने पर दिलरुबा ने बच्चों सहित वापस बांग्लादेश जाने का फैसला कर लिया।

साधारण पर्यटक वीजा पर यहां आई थी बांग्लादेशी महिला
मल्हीपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र कुमार ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि बांग्लादेशी महिला साधारण पर्यटक वीजा पर यहां आई थी। उन्होंने बताया कि वीजा की अवधि अभी शेष थी और पूछताछ में कोई अपराधिक मामला सामने नहीं आया, इसलिए उसे और उसके बच्चों को वापस भेज दिया गया। उन्होंने कहा, "महिला किसी ट्रेवल एजेंट के जरिए बांग्लादेश की टिकट कराने की बात कहकर यहां से लखनऊ के लिए शनिवार को रवाना हुई थी। उम्मीद है कि शनिवार को ही वह बांग्लादेश पहुंच चुकी होगी। श्रावस्ती के अपर पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार यादव ने बताया कि शुक्रवार को बांग्लादेशी महिला और बहरीन से पहुंचे भारतीय युवक अब्दुल करीम से एसएसबी, आतंकवाद निरोधक दस्ता, खुफिया ब्यूरो, स्थानीय अभिसूचना इकाई तथा स्थानीय पुलिस ने गहन पूछताछ की है। उन्होंने बताया कि सभी के पासपोर्ट, वीजा और पहचान के अभिलेखों की जांच की गई है। उन्होंने बताया कि पूछताछ और जांच में कोई संदेहास्पद बात सामने नहीं आई है।

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