जाने गणेश जी को क्यों प्रिय है मोदक, ये 5 कारण

गणेश जी को मोदक अति प्रिय है. 10 दिन तक चलने वाले गणेशोत्सव में मोदक का प्रसाद चढ़ाने पर बप्पा की विशेष कृपा बरसती है. क्या आप जानते हैं गणपति को मोदक इतना प्रिय क्यों है, जानें रोचक कथा.

जब परशुराम जी के वार से गणपति का दांत टूट गया तो उन्हें भोजन ग्रहण करने में कापी दिक्कत आने लगी. तब माता पार्वती ने उनकी इस परेशानी को दूर करने के लिए मुलायम मोदक बनाए. मोदक खाने से गणपति बहुत खुश हुए, तभी से ये उनका प्रिय व्यंजन हो गया.

जब परशुराम जी के वार से गणपति का दांत टूट गया तो उन्हें भोजन ग्रहण करने में कापी दिक्कत आने लगी. तब माता पार्वती ने उनकी इस परेशानी को दूर करने के लिए मुलायम मोदक बनाए. मोदक खाने से गणपति बहुत खुश हुए, तभी से ये उनका प्रिय व्यंजन हो गया.

एक बार गणपति परिवार संग अत्रि ऋषि की पत्नी माता अनुसूया के घर गए. गणेश जी ने अपना सारा भोजन खत्म कर लिया, भंडार भी खाली हो गए लेकिन फिर भी उनका पेट नहीं भरा तो माता अनुसूइया ने उन्हें मीठे-मीठे मोदक परोसे. इसे खाने के बाद गणपति बहुत खुश हुए और उनका पेट भी भर गया. इस कारण गणपति को मोदक पसंद है.

मोद का अर्थ खुशी होता है. गणपति जी सदा प्रसन्न रहने वाले देवता माने गए हैं. यही वजह है बप्पा की पूजा में मोदक जरुर चढ़ाया जाता है.

मान्यता है कि गणेश उत्सव के दौरान बप्पा को मोदक का भोग लगाने से रोग, शोक, दुख, दरिद्रता का नाश होता है.

 

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