आरएमएल अस्पताल में मरीजों के रंग के हिसाब से होगा इलाज!

नई दिल्ली.

डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में उपचार करवाने आ रहे मरीजों को आने वाले दिनों में विभाग की जानकारी लेने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। वे फ्लोर का रंग याद रखकर आसानी से वहां तक पहुंच सकेंगे। दरअसल अस्पताल में तैयार हो रहे सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में हर विभाग का अलग रंग होगा। अगले साल अप्रैल माह में यह ब्लॉक बनकर तैयार हो जाएगा। लुटियन जोन के इस सबसे बड़े सेंटर में सभी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी।  
इन रंगों से होगी फ्लोर की पहचान
अस्पताल सूत्रों की मानें तो आईसीयू के लिए हरा रंग, न्यूरोलॉजी के लिए नीला रंग, कार्डियोलॉजी विभाग के लिए सलेटी रंग, प्लास्टिक सर्जरी के लिए बैंगनी रंग, एंडोक्रिनोलॉजी विभाग के लिए हल्का नीला रंग, ऑपरेशन थियेटर के लिए मध्यम नीला रंग चुना गया है।
इसके अलावा कैंसर, बाल रोग विभाग, यूरोलॉजी, किडनी रोग विभाग सहित अन्य विभागों के लिए रंगों का चयन किया जा रहा है। अस्पताल सूत्रों की मानें तो ब्लॉक का निर्माण मार्च तक पूरा हो जाएगा। इससे पहले सभी विभागों को बेड और उचित जगहों का आवंटन हो जाएगा। आवंटन के आधार पर जगहों को उक्त रंगों से पेंट किया जाएगा। डॉक्टरों का कहना है कि हर रंग का अपना महत्व है।

ऐसे होगी पहचान
रंग –       विभाग/यूनिट
हरा –       आईसीयू
नीला –      न्यूरोलॉजी
ग्रे रंग –     कार्डियोलॉजी
बैंगनी –      प्लास्टिक सर्जरी
स्काई ब्लू  –  एंडोक्रिनोलॉजी
हल्का नीला –  ओटी

रोजाना आते हैं 9-10 हजार मरीज
डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल की ओपीडी में हर दिन करीब 9 से 10 हजार मरीज उपचार करवाने आते हैं। इसमें बड़ी संख्या में मरीजों को सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं की जरूरत होती है। अभी यह सेवाएं अस्पताल के ओपीडी बिल्डिंग में चल रही हैं। जहां मरीजों के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। ऐसे में ब्लॉक का निर्माण पूरा होने के बाद इन सभी सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं को ब्लॉक में शिफ्ट कर दिया जाएगा। नए ब्लॉक में जाने के बाद हर विभाग के पास पर्याप्त जगह होगी। इसका फायदा मरीजों को होगा। जगह बढ़ने से जहां सुविधाओं का विस्तार होगा वहीं ज्यादा मरीज उपचार करवा सकेंगे।
समझना होगा आसान
डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में ज्यादातर मरीज उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड व अन्य प्रदेश से आते हैं। इसमें काफी संख्या गरीब परिवार से होती हैं, जो कम पढ़े-लिखे होते हैं। ऐसे में रंगों के प्रयोग से मरीज आसानी से अपने विभाग तक पहुंच सकता है। डॉक्टरों की माने तो मरीज की पर्ची का रंग भी उसी विभाग के फ्लोर के रंग के आधार पर करने की योजना बन रही है ताकि कोई दूर से देखकर ही बता देगा कि मरीज किस विभाग में उपचार करवाने आया था और उसे भटकने की जरूरत नहीं होगी।
एम्स की तरह होंगे निजी वार्ड
आरएमएल अस्पताल में भी एम्स की तरह आधुनिक सुविधाओं के साथ निजी वार्ड की सुविधा मिलेगी। अस्पताल में तैयार किए जा रहे सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में सेमी प्राइवेट वार्ड, प्राइवेट वार्ड, सामान्य वार्ड सहित अन्य सेवाएं विकसित की जा रही हैं। इस ब्लॉक में करीब छठे फ्लोर तक निर्माण के साथ अन्य सभी तरह का काम पूरा हो गया है।

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