20 साल बाद आया ऐसा अवसर, भोपालवासियों का इंतजार हुआ खत्म, खुला भदभदा का गेट

भोपाल

राजधानी में शुक्रवार रात तीन बजे बड़े तालाब का वाटर लेवल 1666.80 के पास पहुंचते ही भदभदा डेम का एक गेट खोला गया। 20 साल बाद यह स्थिति बनी है, इससे पहले 2003 में सितंबर माह में भदभदा के दो गेट खोले गए थे। गौरतलब है कि  11 वर्ष में दूसरी बार सितंबर में 31 सेमी से अधिक वर्षा होने की स्थिति सामने आयी है।  एक जून से लेकर अब तक भोपाल शहर में कुल 905.9 मिलीमीटर वर्षा हो चुकी है।   

पिछले साल 24 जुलाई में  लबालब हो गया था बड़ा तालाब
शुक्रवार दोपहर तक तालाब फुल टैंक लेवल से मात्र आधा फीट खाली था। लेकिन कोलांस नदी में तेज बहाव के बढ़ते ही रात 11 बजे तक तालाब का लेवल 1666.50 फीट पर पहुंच गया था, जबकि इसका फुल टैंक लेबल 1666.80 फीट है। उसके बाद इस पर पूरी नजर रखी जा रही थी।  इस बार दो महीने की देरी से भदभदा के गेट खुलने की नौबत आई। बीते साल 24 जुलाई को तालाब फुल हो गया था।

भोपालवासियों को जिस घड़ी का इंतजार था। आखिर वह पल आ ही गया। भोपाल का बड़ा तालाब अपने फुल टैंक लेवल के नजदीक 1666.50 फीट पर पहुंच गया है। इसी को देखते हुए भदभदा डैम का एक गेट रात्रि तीन बजे खोला गया। इस मानसून में यह पहला मौका है जब भोपाल में किसी डैम का गेट खोला गया हो। इतना ही नहीं बताया जा रहा है कि 20 साल बाद ऐसा अवसर आया है जब सितंबर के महीने में भदभदा डैम का गेट खोला गया हो। इसके पहले 2003 में ऐसा मौका बना था। डैम के गेट खोले जाने की सूचना पाते ही उत्साहित भोपालवासी रात में ही अद्भुत दृश्य देखने के लिए भदभदा के नजदीक एकत्र हो गए। एतिहात के तौर पर सबसे पहले सायरन बजाया गया। उसके बाद डैम के गेट खोले गए। सीहोर में बारिश होने, कोलांस नदी में पानी बढ़ने और बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया के पानी भरने से ऐसी स्थिति बनी। आगे परेशानी न हो ऐसे में सतर्कता के लिए पहले से ही गेट खोलकर पानी को डिस्चार्ज किया है। 

सीहोर में बारिश से बिगड़े हालात
सीहोर में चार घंटे के चार इंच बारिश दर्ज की गई। इसका असर सीहोर के साथ-साथ भोपाल के आस-पास ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में भी देखने को मिला। कई स्थानों पर जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। छोटे पुल और रपटों पर से पानी बहने से आवागमन भी प्रभावित हो गया। कोलान्स नदी में आठ फीट से अधिक पानी भर जाने से हालात बिगड़ गए। जो लोग फंस गए थे, उन्हें सकुशल निकाला गया। भोपाल में अब तक 36.24 इंच बारिश हो चुकी है।

पिछले साल 22 जुलाई को एफटीएल पर था
बड़ा तालाब 2022 में 22 जुलाई को अपने एफटीएल पर पहुंचा था। 24 जुलाई को तालाब के भदभदा बांध के सभी 11 गेट खोल दिए गए थे। कलियासोत के भी सभी गेट खुल गए थे। इस बार तालाब ठीक दो माह बाद अपने एफटीएल पर पहुंचा है। 2022 में 20 से अधिक दिन तक गेट खोलने पड़े थे। अब 2023 में बारिश का अंतिम दौर है ओर इसने बड़ा तालाब को लबालब कर दिया। इस सीजन में पहली बार है जब तालाब पूर्ण जलभराव पर पहुंचा। सीहोर समेत तालाब के कैचमेंट में शुक्रवार को जमकर बारिश हुई।

2003 में सितंबर माह में खुले थे गेट
कैचमेंट का पानी तालाब में पहुंचा रही कोलांस नदी 7 फीट पर बहने लगी थी तभी उम्मीद की जाने लगी थी कि शनिवार मध्यरात्रि या अलसुबह गेट खुलने की स्थिति बन सकती है। 2003 के बाद 2023 में सितंबर माह में भदभदा के गेट खुले है। 2003 में 25 सितंबर को भदभदा के गेट खुले थे।

33.97 करोड़ लीटर पानी निकालता है 1 गेट से 1 घंटे में
भदभदा के एक गेट खुलने से प्रतिघंटा 12 एमसीएफटी पानी निकलता है। एक एमसीएफटी में 2.83 करोड़ लीटर के अनुसार एक गेट एक घंटे तक खुला रहे तो 33.97 करोड़ लीटर पानी निकालता है। शुक्रवार शनिवार की मध्य रात्रि 3 बजे गेट खोलकर पानी निकाला जा रहा है।

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