मामला उड़ा देगा होश, “आप बड़ी मुसीबत में फंस गए है….”, परिवार लगा रहा मदद की गुहार

फगवाड़ा (जलोटा)
 प्रौद्योगिकी की तेजी से प्रगति, विशेष रूप से आर्टीफिशियल इंटैलीजैंस (ए.आई.) के क्षेत्र में, समाज के लिए कई लाभ लाए हैं। हालांकि, इसने धोखे और धोखाधड़ी के नए रूपों के लिए भी बहुत बड़ा दरवाजा खोल दिया है? ऐसी ही एक खतरनाक प्रवृत्ति धोखाधड़ी करने और निर्दोष व्यक्तियों को हेरफेर करने के लिए ए.आई.-संचालित आवाज तकनीक का उपयोग है। इसमें आपके अपने किसी करीबी परिजन की फोन पर मदद की गुहार लगाती हू-ब-हू आवाज सुनाई देती है। आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं कि यह जो हो रहा है बहुत बड़ी ठगी का हिस्सा है और जब तक आपको पता चलता है तब तक शातिर ठग अपना काम कर चुके होते हैं।

फगवाड़ा का एक परिवार हाल ही में ऐसी ही ठगी का शिकार हुआ है और जाने-अनजाने में लाखों रुपए की ठगी शातिर ठग उनके साथ कर गए है। त्रासदी यह है कि अब यह परिवार पुलिस से इंसाफ की गुहार लगा रहा है लेकिन परिणाम शून्य है। ऐसे ही कई और फगवाड़ावासियों को शातिर ठगों के फोन कॉल आ रहे है जहां कभी यह कहा जाता है कि आपका बेटा विदेश में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है और कुछ पैसे ले-देकर मामला रफा-दफा हो सकता है और कभी यह फोन कॉल पंजाब के अन्य जिलों सहित देश के अन्य हिस्सों से आ रहे हैं कि आप बड़ी मुसीबत में फंस गए है क्योंकि आपके परिजन ने यह अपराध कर दिया है?

उक्त परिवार की सदस्या चंचल शर्मा ने बताया कि उनको मोबाइल पर फोन आया था कि उनका बेटा जो गुरदासपुर में एक सरकारी बैंक में मैनेजर है, की कार में 1 किलो नशीली ड्रग्स और अवैध हथियार बरामद हुए है। उसने किसी को अपनी कार में लिफ्ट दी थी। बताएं क्या करना है? उसको लग रहा है कि उनका बेटा निर्दोष है और सारा काम लिफ्ट देने वाले व्यक्ति का है। उक्त फोन कॉल में उनके बेटे की आवाज भी सुनाई दे रही थी कि प्लीज मेरी मदद करो। इसके बाद वह घबरा गए और उन्होनें संबंधित व्यक्ति के कहे अनुसार लाखों रुपए आन लाइन ट्रांसफर कर दिए। इसका प्रमाण भी उनके पास मौजूद है लेकिन जब कुछ देर बाद उन्होंने अपने बेटे से भरसक प्रयास कर सम्पर्क किया तो उसने कहा कि वह तो ठीक-ठाक है और बैंक में रुटीन की भांति काम कर रहा है। यह सारा मामला जिला कपूरथला पुलिस के ध्यान में तुरंत लाया गया है लेकिन परिणाम शून्य रहा है? वह इंसाफ के लिए दर-दर भटक रहे हैं।

एआई-संचालित आवाज प्रौद्योगिकी का उदय
आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस ने हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण प्रगति की है और इसके सबसे उल्लेखनीय अनुप्रयोगों में से एक आवाज प्रौद्योगिकी के दायरे में है। सिरी और एलेक्सा जैसे एआई-संचालित वॉयस असिस्टैंट हमारे रूटीन जीवन का एक आम हिस्सा बन गए हैं। इन तकनीकों को मानव आवाज आदेशों को समझने और जवाब देने के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे उन्हें विभिन्न कार्यों के लिए अविश्वसनीय रूप से उपयोगी बना दिया जाता है, अनुस्मारक स्थापित करने से लेकर मौसम अपडेट प्रदान करने तक। हालांकि, वहीं तकनीक जो इन वॉयस असिस्टैंट को मददगार बनाती है, उसका इस्तेमाल नापाक उद्देश्यों के लिए भी किया जाने लगा है। हैकर्स और धोखेबाजों ने वास्तविक व्यक्तियों के ठोस प्रतिरूपण बनाने के लिए एआई-संचालित आवाज तकनीक में हेरफेर करने के तरीकों की खोज की है। एक तकनीक जिसे आमतौर पर आवाज संश्लेषण के रूप में जाना जाता है।

ए.आई.-संचालित आवाज धोखाधड़ी के यांत्रिकी
आवाज संश्लेषण में आश्चर्यजनक सटीकता के साथ व्यक्ति की आवाज की नकल करने के लिए एआई एल्गोरिदम का उपयोग करना शामिल है। धोखेबाज ठग अपने लक्ष्य से पर्याप्त मात्रा में ऑडियो डेटा एकत्र करते हैं, जिसमें सार्वजनिक भाषण, साक्षात्कार या रिकॉर्ड की गई बातचीत इत्यादि शामिल है। इस डेटा को तब एक मशीन लर्निंग मॉडल में मॉडयूल किया जाता है जो लक्ष्य की आवाज की बारीकियों को सीखता है, जैसे कि पिच, टोन और स्पीच पैटर्न। एक बार मॉडल प्रशिक्षिति हो जाने के बाद, यह सिंथेटिक वॉयस रिकॉर्डिंग उत्पन्न कर सकता है जो लक्ष्य व्यक्ति की तरह उल्लेखनीय रूप से मेल खाती है। इस तकनीक में मनुष्यों और स्वचालित आवाज पहचान प्रणालियों दोनों को धोखा देने की गजब की क्षमता है। क्योंकि यह न केवल आवाज की नकल कर सकता है, बल्कि प्रतिरूपित किए जा रहे व्यक्ति की बोलने की शैली और इंटोनेशन की भी नकल कर सकता है।

कैसे बचें इस ए.आई. खतरे से
ए.आई.-संचालित आवाज धोखाधड़ी के बढ़ते खतरे को सम्बोधित करने के लिए एक बहु-आयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। इसके लिए सभी को जागरूक करना बेहद जरूरी है। आवाज संश्लेषण प्रौद्योगिकी के अस्तित्व और संभावित खतरों के बारे में जनता को शिक्षित करना महत्वपूर्ण है। लोगों को अवांछित वॉयस कॉल प्राप्त करते समय सतर्क रहना चाहिए और अतिरिक्त माध्यमों से कॉल करने वाले की पहचान सत्यापित करनी चाहिए और तुरंत यह तथ्य पता करना चाहिए कि जिसके बारे में बात हो रही है वह कहां पर हैं और वास्तविक तौर पर क्या कर रहा है। संबंधित को फौरन मोबाइल फोन पर सम्पर्क करना चाहिए। बिना सारी सच्चाई जाने आनन फानन अथवा घबराहट में आन लाइन पैसे ट्रांसफर नहीं करने चाहिएं।

 

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