2018 से घर से लापता था बबलू, आधार कार्ड घर पहुंचा तो परिवार को मिला बेटे का सुराग

 खंडवा

 आधार कार्ड महज एक डॉक्युमेंट नहीं है। यह आपकी पहचान है। इस बात का प्रमाण मध्य प्रदेश के खंडवा के युवक की गुमशुदगी और उसके मिल जाने के सफर के बीच मिलता है।साल 2018 से लापता एक युवक अपने आधार कार्ड की वजह से अपने परिजनों से वापस मिल पाता है। लापता युवक का नाम बबलू बताया जा रहा है और यह एमपी के खंडवा का निवासी है। बबलू एक मंदबुद्धि युवक है।

पांच साल से घर से लापता बबलू के साथ यह घटना साल 2018 में घटती है। किसी ने उससे मजाक में कह दिया कि तेरे माता-पिता तीर्थ यात्रा पर चले गए। इतना सुनते ही बबलू हरसूद से ट्रेन में बैठ गया। उसे यह भी पता नहीं था कि ट्रेन कहां जाएगी। वह ट्रेन उसे बिहार के मुजफ्फरपुर उतारा। भूखा-प्यासा बबलू भोजन की तलाश में एक होटल पर पहुंचा। होटल वाले ने पता पूछा तो कुछ बता नहीं पाया। होटल वाले ने उसे अपने पास रख लिया। 2018 से 2020 तक बबलू होटल पर काम करता रहा।

जन साहस टीम के फील्ड आफिसर अखिलेश गोलकर ने बताया कि रंजीत उर्फ बबलू निवासी ग्राम निशानिया 2018 से घर से लापता था। गुमशुदगी हरसूद थाने में दर्ज करवाई थी। लापता युवक को उसके स्वजन से मिलाने के लिए पुलिस-प्रशासन ने भी सक्रिय भूमिका निभाई और हर चुनौती का सामना किया।
बिहार की रहने वाली महिला ने बबलू को बताया अपना बेटा

गोलकर जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2020 में उस होटल पर मधुबनी जिले की एक महिला पहुंची (जहां बबलू काम करता था) जिसका बालक घर से लापता था। महिला को बबलू अपने बालक की तरह नजर आया। होटल वाले को बताकर वह बबलू को अपने गांव नवटोली ले गई। इसके बाद से बबलू वहीं रह रहा था। महिला कुछ समय पहले बबलू का आधार कार्ड अपडेट कराने गई तो वहां से अपडेट का लेटर बबलू के पुराने पते पर पहुंच गया।

जब पहली बार वाया पोस्ट अपडेट आधार कार्ड बबलू के पुराने पते पर ग्राम निशानिया पहुंचा, लेकिन तब स्वजन ने ध्यान नहीं दिया। जब दोबारा आया तो सचेत हुए और पुलिस थाने पहुंचे। हरसूद टीआइ ने आधार के मोबाइल नंबर पर बात की फिर पुलिस टीम बिहार पहुंची। वहां महिला ने प्रमाण मांगा तो टीम प्रमाण लेने वापस आ गई।

कलेक्टर-एसपी हुए थे सक्रिय

खंडवा कलेक्टर अनूप कुमार सिंह और एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल के संज्ञान में मामला आया तो 12 सितंबर को उनके निर्देश पर पुलिस प्रशासन की टीम बिहार के लिए दोबारा रवाना हुई, परंतु उक्त महिला ने बबलू को उन्हें सौंपने से इंकार कर दिया। इसके बाद टीम वहां के पुलिस थाने पहुंची।

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