बच्‍चे की पेरेंट्स-टीचर मीटिंग को न लें हल्के में, जानें क्यों हैं ‘PTM’ में जाना जरूरी

नई दिल्ली
आजकल माता-पिता अपने बच्चों को हर क्षेत्र में सफलता दिलाने के लिए खुद भी कड़ी मेहनत करते हैं। फिर चाहे बात उनकी हॉबी क्लास की हो या पेरेन्‍ट्स टीचर मीटिंग की, अभिभावक अपने बच्चे के साथ उसे अटेंड करने जरूर पहुंच जाते हैं। लेकिन आज बात ऐसे जागरूक पेरेंट्स की नहीं बल्कि ऐसे माता-पिता की होने वाली है, जिन्हें बच्चों की पेरेन्‍ट्स टीचर मीटिंग वीकेंड खराब करने वाला दिन लगती है या फिर ऐसे माता-पिता जिन्हें लगता है कि उनके बच्‍चे तो स्‍कूल में बहुत अच्‍छा कर रहें हैं, तो उन्‍हें वहां जाने की क्‍या जरुरत है, अगर आप भी ऐसी सोच रखते हैं तो आपको अपनी सोच बदलने की जरूरत है। आइए जानते हैं आखिर क्यों हैं आपके लिए बच्चे की पीटीएम में जाना जरूरी।

पेरेन्‍ट-टीचर मीटिंग क्यों है जरूरी-
-माता-पिता हमेशा अपने बच्चे को लाड़ प्यार का चश्मा लगाकर देखते हैं। लेकिन असल हकीकत स्‍कूल में टीचर से मिलने पर ही पता चलती है। ऐसे में आपको अपने बच्‍चे की सही प्रोग्रेस जानने के लिए पेरेन्‍ट-टीचर मीटिंग में जरूर जाना चाहिए।

-रिर्पोट कार्ड पर अच्छे अंक हासिल करने का यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि आपको अपने बच्‍चे पर ध्‍यान देने की बिल्‍कुल जरुरत नहीं है। अगर आप का बच्‍चा क्‍लास में अच्‍छा कर रहा है तो भी आपको उसके टीचर से बात करके उसके काम में और सुधार लाने के लिए बात करनी चाहिए।

-अगर आपका बच्चा क्लास में अच्‍छा नहीं कर रहा है तो शर्मिंदगी के डर से पीटीएम में जाने से न बचें। आपका ये व्यवहार आपके बच्चे का जीवन खराब कर सकता है। उसमें सुधार कैसे लाए जाए, इसके लिए बच्चे के टीचर से बात करके उस दिशा में प्रयास करें।

-आपका बच्चा स्कूल में दूसरे बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करता है, क्या वो क्‍लास में दूसरे बच्‍चों और टीचर से घुल-मिल कर बात करता है या फिर वह चुप-चुप किसी कोने में बैठा रहता है। इन सब बातों का पता लगाने के लिए पीटीएम में जरूर जाएं।

– अगर आपको अपने बच्चे की टीचर से कोई शिकायत है तो भी आप उसे पीटीएम में टीचर से मिलकर दूर कर सकते हैं।  

 

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