कनाडाई PM की रेस में विपक्षी नेता से पिछड़े PM ट्रूडो, शुरू हुई उलटी गिनती!

ओटावा
भारत से तनाव के बीच कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के लिए बुरी खबर सामने आई है. अगले आम चुनाव से पहले कनाडाई मीडिया द्वारा किए गए सर्वे में ट्रूडो पीएम की रेस में पिछड़ते नजर आ रहे हैं. इस सर्वे के मुताबिक, कनाडा के लोग अगले चुनाव में पीएम पद के लिए ट्रूडो की तुलना में विपक्षी नेता पियरे पोइलिवरे को ज्यादा योग्य मानते हैं.

कनाडा के ग्लोबल न्यूज के लिए IBSO ने किए सर्वे में पता चलता है कि कनाडा के लोग विपक्षी नेता पियरे पोइलिव्रे को पीएम के लिए सबसे अच्छे उम्मीदवार के रूप में देखते हैं. सर्वे में 39% लोगों ने उन्हें पीएम पद के लिए योग्य माना है. जबकि ट्रूडो के पक्ष में सिर्फ 30% वोट पड़े हैं.

पियरे ने किया ट्रूडो पर हमला

खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने के लिए भारत पर पियरे ने कनाडा के पीएम ट्रूडो के आरोपों पर कटाक्ष किया है। पियरे पोइलिवरे ने कहा है कि ट्रूडो ने जो कुछ भी कहा है उन्‍हें सभी तथ्यों के साथ अपने सच को साबित करना चाहिए। मंगलवार को कनाडा की मीडिया को एड्रेस करते हुए पियरे ने कहा, 'मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री को सभी तथ्यों के साथ साफ रूप से सामने आने की जरूरत है। हमें सभी संभावित सबूतों को जानने की जरूरत है ताकि कनाडा के लोग उस पर कोई निर्णय ले सकें।'

पीएम ने नहीं दिए कोई सबूत
पियरे ने कहा, ' प्रधानमंत्री ने कोई तथ्य नहीं दिया है। उन्होंने एक बयान दिया है। और मैं सिर्फ इस बात पर जोर दूंगा कि उन्होंने मुझे निजी तौर पर उतना कुछ नहीं बताया जितना उन्होंने सार्वजनिक रूप से कनाडा के लोगों को बताया था। इसलिए हमें और अधिक जानकारी देखना चाहते हैं।' पियरे की मानें तो अगर और ज्‍यादा जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई तो आरोप झूठे या अविश्वसनीय पाए जा सकते हैं। पियरे ने कहा, 'हमारे पास ऐसे सबूत होने चाहिए जो प्रधानमंत्री को उन नतीजों पर पहुंचने में मदद करें जो उन्होंने कल दिए थे।'

चीन के हस्‍तक्षेप पर खामोश
पियरे ने कहा, 'इस पर फैसला लेने के लिए मेरे पास और सबूत होने चाहिए। मुझे यह काफी दिलचस्प लगता है कि वह कई वर्षों से चीन की तरफ से बड़े स्‍तर पर हो रहे विदेशी हस्तक्षेप के बारे में जानते थे, उसी समय जब चीन ने कनाडा के दो नागरिकों को बंधक बना रखा था। और वह खामोश रहे और उन्‍होंने कुछ नहीं कहा। उन्होंने उस मामले में भी यही रवैया अपनाया था।

 

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