लोकेशन बदल रहे दुश्मन को खोज कर मारेगी भारत की ये मिसाइल

नईदिल्ली
अस्त्र (Astra) बेयॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) है. यह हवा से हवा में मार करने वाली स्वदेशी मिसाइल है. जो बेयॉन्ड विजुअल रेंज हमला करती है. यानी जहां किसी फाइटर जेट या अटैक हेलिकॉप्टर का पायलट नहीं देख सकता, वहां भी यह मिसाइल सटीक हमला करती है.  हाल ही में तेजस फाइटर जेट से इसकी फायरिंग की गई.

तेजस फाइटर जेट ने 20 हजार फीट की ऊंचाई से मिसाइल दागी, जो टारगेट पर जाकर सटीकता से लगी. इस मिसाइल का अगला मेक 2 भी ट्रायल फेज में हैं. यह लंबी दूरी की मिसाइल होगी. फिलहाल अस्त्र-एमके1 को सेना में शामिल किया जाएगा. वायुसेना इस मिसाइल के परफॉर्मेंस से संतुष्ट है. 200 मिसाइलों का ऑर्डर हो सकता है.

अस्त्र मिसाइल की ताकत की गूंज एशिया में फैल चुकी है. इसमें ऑप्टिकल प्रॉक्सीमिटी फ्यूज लगा है. यानी यह मिसाइल टारगेट पर नजर रखती है. वह कितना भी दाएं-बाएं हो, उससे टकराकर फट जाती है. मिसाइल का वजन 154 KG है. लंबाई 12.6 फीट है.

सबसे घातक है इसकी मारक स्पीड

अस्त्र मिसाइल में हाई-एक्सप्लोसिव या प्री-फ्रैगमेंटेड एचएमएक्स हथियार लगा सकते हैं. यह अपने साथ 15 KG का हथियार ले जा सकती है. इसकी रेंज 160 किलोमीटर है. यह अधिकतम 66 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकती है.
यह 5556.6 km/घंटा की रफ्तार से दुश्मन की ओर जाती है.   

इन विमानों में लगाई गई है ये मिसाइल

इसकी खास बात ये है कि इसे टारगेट की ओर छोड़ने के बाद बीच हवा में इसकी दिशा को बदला जा सकता है. क्योंकि यह फाइबर ऑप्टिक गाइरो बेस्ट इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम पर चलती है. इस मिसाइल के पहले वैरिएंट को मिग-29यूपीजी/मिग-29के, सुखोई सू-30एमकेआई, तेजस एमके.1/1A में लगाया गया है.

मिसाइल को लेकर भविष्य की ये तैयारी

भविष्य में इस मिसाइल को तेजस एमके 2, एएमसीए, टेडबीएफ फाइटर जेट्स में भी लगाया जाएगा. भारतीय वायुसेना पुरानी माइका मिसाइल की जगह स्वदेशी अस्त्र पर भरोसा जता चुकी है. अस्त्र मिसाइल को DRDO ने डिजाइन किया है. बेयॉन्ड विजुअल रेंज यानी जो टारगेट नजरों से नहीं दिखते, उन्हें मार गिराने में यह मिसाइल काम आती है.

ऐसी मिसाइलें फाइटर जेट को स्टैंड ऑफ रेंज प्रदान करते हैं. स्टैंड ऑफ रेंज का मतलब होता है कि दुश्मन की तरफ मिसाइल फायर करके खुद उसके हमले से बचने के लिए सही समय मिल जाता है. एमके 2 के बाद एमके 3 बनाई जाएगी जिसकी रेंज 350 KM होगी. यानी इतने अलग-अलग रेंज और वैरिएंट्स के साथ जब भारतीय फाइटर जेट सीमा या युद्ध क्षेत्र पर जाएंगे, तो उनकी गर्जना सुनकर ही दुश्मन की हालत खराब हो जाएगी.

 

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